पंचायत में उठा मुद्दा, अधिसूचित जमीन पर किसकी शह पर बने मकान
नोएडा प्राधिकरण पर भारतीय किसान यूनियन भानू का अनिश्चितकालीन धरना चौथे दिन भी जारी रहा;
नोएडा। नोएडा प्राधिकरण पर भारतीय किसान यूनियन भानू का अनिश्चितकालीन धरना चौथे दिन भी जारी रहा। किसानों की वर्षों पुरानी आबादी को तोड़ने को लेकर पूरे क्षेत्र के किसानों में रोष है। भाकियू भानू के जिलाध्यक्ष राजीव मलिक ने कहा की अधिकारी किसानों की आबादी को बोर्ड मीटिंग में पास करने के बावजूद नियोजित नहीं कर रहे हैं। 5 और 10 प्रतिशत भूखंडों का निस्तारण सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्देशित करने के बाद भी नहीं किया जा रहा।
किसानों ने प्राधिकरण पर आरोप लगाया कि 30,40 साल पहले जिस जमीन पर किसान मकान बना रहा था। उस जमीन को नोएडा प्राधिकरण में बैठे भ्र्रष्ट अधिकारी नोएडा प्राधिकरण कीअधिकृत जमीन बताते हैं। उस समय कार्यरत प्राधिकरण के कर्मचारी अधिकारी कहां गए थे। यदि नोएडा प्राधिकरण की जमीन पर किसान अपना मकान बना लिया तो पहले नोएडा प्राधिकरण के सीईओ की यह जिम्मेदारी बनती है कि मकान बनाने देने वाले अधिकारी व कर्मचारियों लेखपाल, तहसीलदार, जेई, परियोजना अभियंता से लेकर डीसीओ स्तर के सभी कर्मचारियों के खिलाफ नोएडा के सीईओ मुकदमा कायम कराएं। उस जमीन की कीमत जब से लेकर अभी तक तैनात रहे कर्मचारियों से वसूली जाए और किसानों से टेबल पर बैठकर फैसले करे जाए ना की आबादी तोड़ी जाए।
यदि अधिकारी जोर जबरदस्ती करते हैं तो भारतीय किसान यूनियन भानू प्राधिकरण दफ्तरों को नहीं चलने देगी। यही नहीं 2011 की किसान आवासीय योजना का निस्तारण, प्राइवेट स्कूलों में किसानों के वारिसों को सस्ती शिक्षा व चिकित्सालयों में किसानों को सस्ती चिकित्सा को अमल में नहीं लाया जा रहा है।