वायु प्रदूषण से अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ी

दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण से लोगों की जहां मुसीबत हो रही थी वहीं तापमान के साथ-साथ वायु प्रदूषण में भी गिरावट दर्ज की गई;

Update: 2018-12-28 10:52 GMT

ग्रेटर नोएडा। दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण से लोगों की जहां मुसीबत हो रही थी वहीं तापमान के साथ-साथ वायु प्रदूषण में भी गिरावट दर्ज की गई। एयर इंडेक्स खतरनाक श्रेणी यानी 400 से नीचे गिरकर 384 पर आ गया। इसी के साथ निर्माण संबंधी कार्यों व उद्योगों पर लगी रोक भी हटा ली गई हैं।

सफर इंडिया व मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक फिलहाल दिल्ली का एयर इंडेक्स बेहद खराब श्रेणी में ही रहेगा। ग्रेटर नोएडा का एयर इंडेक्स 394, फरीदाबाद का 327, गुरुग्राम का 310, गाजियाबाद का 398 और नोएडा का 386 दर्ज किया गया। हालांकि दिल्ली-एनसीआर के 21 क्षेत्रों का एयर इंडेक्स खतरनाक जबकि 13 क्षेत्रों का बेहद खराब दर्ज किया गया।

वहीं चिकित्सकों ने लोगों को बचाव करने की सलाह दी है। डॉ. ज्ञानेन्द्र अग्रवाल, सीनियर कंसलटेन्ट, डिपार्टमेंट ऑफ पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन, जेपी हॉस्पिटल ने बताया कि इन दिनों सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बड़ी है। 

पहले हमारे पास एक दिन में 40-45 ऐसे मरीज आते थे, लेकिन पिछले 3 सप्ताहों में यह संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। हर ओपीडी में हमारे पास लगभग 80 मरीज आ रहे हैं। हालांकि इसका सबसे ज़्यादा असर 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों में दिखाई दे रहा है, लेकिन सांस की बीमारियों से पीड़ित युवा मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।

उन्होंने बताया कि ऐसे समय में जहां तक हो सके, घर के अंदर ही रहें, आउटडोर गतिविधियां जैसे साइक्लिंग, रनिंग, जॉगिंग, जिम एवं अन्य स्पोर्ट्स न करें, खासतौर पर सुबह के समय घर के भीतर ही रहें। स्मॉग का आपके फेफड़ों पर सीधा असर न पड़े, इसके लिए रूमाल या पीएम 2.5 फिल्टर वाला मास्क पहनें, ताकि आप अपने आप को धूल की एलर्जी से बचा सकें। विटामिन सी, ई एवं बीटा-कैरोटीन से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इससे शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है। अस्थमा के मरीज हमेशा अपने साथ इन्हेलर रखें अगर आपको सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। 

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