चिकित्सा सेवा के उच्चतम मानक को प्राप्त करे एम्स : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को जिला गोरखपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का निरीक्षण किया;
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को जिला गोरखपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां पर ओपीडी लैब आदि का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एम्स चिकित्सा सेवा के उच्चतम मानक को प्राप्त करेगा तथा इस क्षेत्र में अग्रणी स्थान बनाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, "उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा प्रदान करने हेतु पूर्वाचल में एम्स की बहुत आवश्यकता थी। इसके दृष्टिगत एम्स का निर्माण कराया जा रहा है। एम्स एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है, जिसका उद्देश्य आम आदमी को सहज, सुलभ, सस्ती एवं बेहतर चिकित्सकीय सेवा प्रदान करना है। एम्स के निर्माण कार्य की प्रगति तीव्र है।"
योगी ने चिकित्सकों से कहा, "मानव मात्र के कल्याण के लिए समर्पण भाव से कार्य करना सबसे बड़ा पुण्य है। सेवा का इससे बड़ा मार्ग नहीं हो सकता। आपको संवेदनशील होना चाहिए। संवेदनशीलता चिकित्सक की अच्छाई एवं उसकी कार्य-कुशलता की परिचायक होती है। जहां चिकित्सा सेवा की अति आवश्यकता हो, चिकित्सक ऐसे गांव को गोद लेकर अपनी सेवाएं प्रदान करें।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य सरकार एम्स के सहयोग, सुरक्षा एवं सुविधा हेतु हर समय अपना योगदान प्रदान करेगी। इसके साथ ही यदि कोई समस्या आती है तो जिला प्रशासन को अवगत कराएं, जिला प्रशासन सहयोग हेतु तत्पर है।"
योगी ने कहा, "एम्स की सुरक्षा के दृष्टिगत आदर्श थाना स्थापित होगा। इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी को नियंत्रित किया जा चुका है और इसके इलाज हेतु सीएचसी, पीएचसी, जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज आदि में समुचित व्यवस्था की गई है। बीमारी के लक्षण दिखते ही मरीज को तत्काल नजदीक के अस्पताल में पहुंचाया जाए।"
उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात हेतु जन जागरूकता पर विशेष बल दिया।
इस अवसर पर एम्स के निदेशक ने वर्तमान एवं भविष्य की कार्ययोजना प्रस्तुत करते हुए कहा, "एमबीबीएस के प्रथम वर्ष में 50 छात्र-छात्राओं का प्रवेश हुआ है, जिनमें 32 छात्र तथा 18 छात्राएं हैं। अगले वर्ष 100 छात्र-छात्राओं का प्रवेश होगा। एम्स में 12 विभागों की ओपीडी प्रारम्भ हो चुकी हैं। यहां प्रतिदिन 1,200-1,300 मरीज आते हैं। अब तक कुल 26 लाख नौ हजार मरीजों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो चुका है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है।"