55 साल की उम्र में अभिनेता नरेंद्र झा का निधन
बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता नरेन्द्र झा का आज निधन हो गया है;
मुंबई । बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता नरेन्द्र झा का आज निधन हो गया है। नरेन्द्र झा का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ।
वह 55 साल के थे। बताया जा रहा है कि नरेन्द्र झा की मौत वाडा स्थित उनके फार्म हाउस पर सुबह पांच बजे हुई। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है।
Actor Narendra Jha passes away at the age of 55, after a cardiac arrest, early this morning. pic.twitter.com/FdDuTLSTJa
इससे पहले भी उन्हें दो बार हार्ट अटैक हो चुका था। बताया गया है कि वह अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ वक्त बिताने के लिए अपने फार्म हाउस पर पहुंचे थे, जहां यह घटना घटी।
बिहार के मधुबनी जिला निवासी नरेंद्र झा ने अपनी पढ़ाई पटना से पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से अभिनय की बारिकियौं का प्रशिक्षण लिया।
उन्हें जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था लेकिन बाद दिल्ली छोड़कर मुंबई आ गए और यहां उन्हें मॉडलिंग के जबरदस्त ऑफर मिलने लगे।
मॉडलिंग के साथ उन्होंने टीवी पर कई शो किए और लगभग 20 टीवी शो में वे नजर भी आए। वे श्याम बेनेगल की फिल्म नेताजी सुभाष चंद्र बोस में भी अहम किरदार में नजर आए थे।
नरेंद्र जा ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2002 में दूरदर्शन के शो आम्रपाली से की। उसके बाद उन्होंने छोटे पर्दे के कई बेहतरीन सीरियल्स और शो में काम किया, जिनमे छूना है आसमान, चेहरा, एक घर बनाऊंगा, कैप्टन हाउस, जय हनुमान प्रमुख है। नरेंद्र झा छोटे पर्दे पर शो हवन के हरी ओम बापजी के नाम से पहचाने जातें हैं।
नरेंद्र झा ने टेलीविजन पर आए पौराणिक सीरियल ‘रावण’ में भी लीड किरदार निभाया थी, और उनके रोल को खूब पसंद भी किया गया था।
नरेंद्र झा ने अपने करियर के दौरान हैदर ,रईस, काबिल ,घायल वंस रिर्टन्स, हमारी अधूरी कहानी, मोहनजोदाड़ो, शोरगुल और फोर्स-2 जैसी कई फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया।
उन्होंने हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु आदि भाषाओं में भी फ़िल्में की हैं।नरेंद्र झा बहुत ही मस्तमौला फितरत के शख्स थे और बहुत ही मृदुभाषी भी थे।
उन्होंने एक बार बताया था कि उनके घरवाले भी चाहते थे कि वे आईएएस बनें क्योंकि बिहार के अधिकतर युवाओं का यही टारगेट भी होता है।
मैं भी शुरू में कुछ ऐसा ही सोचता था लेकिन एक्टिंग में मन रमता था तो मैंने उसी राह पर चलने का फैसला किया।