ट्रेन की चपेट में आने से दशहरा देख रहे 60 लोगों की मौत

पंजाब के अमृतसर में आज एक भयानक हादसे में दशहरा देख रहे लगभग 50 लोगों की रेलगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई;

Update: 2018-10-20 01:48 GMT

अमृतसर। पंजाब के अमृतसर में आज एक भयानक हादसे में रावण दहन देख रहे 60 से अधिक लोगों की रेलगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई जबकि 150 अन्य घायल हो गये। 

आधिकारिक तौर पर अभी तक 59 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस उपायुक्त अमरीक सिंह पवार ने अस्पताल का दौरा करने के बाद कहा कि हादसे में 59 लोगों की मौत हो चुकी है तथा मृतकों की संख्या और अधिक बढ़ने की आशंका है। 

इससे पहले अमृतसर के पुलिस आयुक्त एस श्रीवास्तव ने बताया था कि धोबी घाट के नजदीक जोड़ा फाटक के पास लोग रेलवे लाइन पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि शवों के कई टुकड़ों में कट जाने और क्षत विक्षत होने के कारण मृतकों की सही जानकारी जुटाना मुश्किले पेश आ रही है। घटनास्थल पर प्रशासन के ख़िलाफ़ लोगों के प्रदर्शन जारी रहने के कारण भी अफरा तफरी का माहौल है। 

बीबीसी न्यूज के मुताबिक पंजाब में शुक्रवार को हुई दुर्घटना के कारण दशहरे का उत्सव बड़े मातम में तब्दील हो गया। अमृतसर शहर से सटे जोड़ा फाटक के पास शाम क़रीब साढ़े छह बजे रावण दहन का कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान एक तेज़ रफ़्तार लोकल ट्रेन जोड़ा फाटक से गुज़री और ट्रैक के पास खड़े होकर रावण दहन देख रहे बहुत से लोग इस ट्रेन की चपेट में आ गए।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि “जिस वक़्त ये तेज़ रफ़्तार ट्रेन घटनास्थल से गुज़री, बहुत सारे लोग ट्रैक पर बैठकर और खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। कुछ मोबाइल फ़ोन पर रावण दहन की वीडियो बना रहे थे।”

बताया जा रहा है कि जब रावण के पुतले को आग लगाई गई तो मंच से लोगों से पीछे हटने की अपील की गई। इस वजह से भी काफ़ी लोग मैदान से पीछे हटकर रेलवे ट्रेक पर चले गए थे। 

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है। इसमें दिख रहा है कि लोग रावण दहन देख रहे हैं और मोबाइल से उसका वीडियो भी बना रहे हैं। तभी बाईं ओर से तेज़ रफ़्तार ट्रेन अचानक आती है। वीडियो से पता लगता है कि वहां मौजूद लोगों को ट्रेन के आने की भनक तक नहीं लगी। 

स्थानीय पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन ने बताया कि इस कार्यक्रम में मंच पर पंजाब के उपमुख्यमंत्री नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भी मौजूद थीं। 

हादसे के वक्त घटनास्थल पह ही मौजूद रहे अन्य चश्मदीद अमरजीत ने बताया, “रावण को आग लगाई गई, पटाखे बज रहे थे। इस बीच एकदम से ट्रेन आ गई। किसी को ट्रेन के आने की आवाज़ सुनाई नहीं दी। मैंने दो लड़कों का हाथ खींचकर उन्हें बचाया। मैंने देखा कि 25-30 लोगों की लाशें बिछ गई हैं। मैंने इन लाशों को उठाकर दूसरी जगह पहुंचाया। मेरे हाथ पूरे ख़ून से भर गए, मैं अभी-अभी इन्हें धोकर आया हूं। उनमें कई मेरे पहचान के लोग थे। मैंने उनके चेहरे देखे।”

अमित कुमार का घर घटनास्थल के पास ही है। वह घटना के वक़्त अपने घर की छत पर मौजूद थे। उन्होंने बताया, “ट्रेन बहुत स्पीड में आई, ट्रेन ने कोई हॉर्न नहीं दिया। उस ट्रेन ने वहां खड़े सभी लोगों को कुचल दिया। स्टेज से कहा गया था कि लोग पटरी से दूर होकर खड़े रहें। ये आयोजन हर साल होता है।”

इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख सहायता राशि देने का एलान किया है। पुलिस कमिश्नर सुधांशु शेखर श्रीवास्तव ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। 

अस्पतालों और एंबुलेंस सेवा को अलर्ट पर रखा गया है। घटनास्थल पर लोग प्रशासन के ख़िलाफ़ काफ़ी गुस्से में हैं। शुरुआत में शवों को ले जाने के लिए प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि आक्रोशित लोग उन्हें ऐसा करने नहीं दे रहे थे।

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