निर्भया कोष के तहत 3 नए प्रस्तावों को मंजूरी

महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में निर्भया कोष के तहत अधिकारियों की अधिकार प्राप्त समिति ने शुक्रवार को तीन प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी दे दी;

Update: 2018-11-16 22:47 GMT

नई दिल्ली। महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में निर्भया कोष के तहत अधिकारियों की अधिकार प्राप्त समिति ने शुक्रवार को तीन प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, कानून और न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग ने पूरे देश में दुष्कर्म और पोकसो अधिनियम के लंबित मामलों का निपटान करने के लिए 1023 त्वरित विशेष न्यायालयों (एफटीएससी) का गठन करने का प्रस्ताव किया है। इस परियोजना के लिए कुल 767.25 करोड़ रुपये की वित्तीय आवश्यकता है। पहले चरण में नौ राज्यों में 777 एफटीएससी और दूसरे चरण में 246 एफटीएससी का गठन किया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बयान के अनुसार, गृह मंत्रालय ने यौन हिंसा के मामलों के लिए निर्भया कोष के तहत फोरेंसिक किट खरीदने का प्रस्ताव किया है, ताकि प्रशिक्षुकों के प्रशिक्षण (टीओटी) के माध्यम से राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में ऐसी किटों के उपयोग की शुरुआत की जा सके। इससे यौन हमलों के मामलों में फोरेंसिक जांचकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण/प्रशिक्षण देने में मदद मिलेगी। कुल 107.19 करोड़ रुपये की वित्तीय आवश्यकता वाले इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है।

बयान के अनुसार, कोंकण रेलवे निगम लिमिटेड ने कुल 17.64 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत से 50 रेलवे स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली की स्थापना करने का प्रस्ताव किया है। इसका उपयोग हार्डवेयर और सहायक उपकरण, स्थानीय जुड़ाव उपकरण और बिजली आपूर्ति उपकरणों के लिए किया जाएगा। इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।

इसके अलावा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सुरक्षा और प्रवर्तन के लिए एआईएस 140 विनिर्देशन के साथ सुरक्षा और प्रवर्तन के लिए राज्यवार वाहनों के ट्रैकिंग प्लेटफार्म के विशिष्ट निर्माण, तैनाती और प्रबंधन के लिए सी-डैक का प्रस्ताव किया है। इस प्रस्ताव को भी सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी गई है।

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