योगी ने किया दो जेलरों को बर्खास्त

उत्तर प्रदेश की जेलों में कैदियों की मौज-मस्ती को मुख्यमंत्री ने सख्त तेवर दिखाए हैं। आनंद कुमार ने डीजी (जेल) का कार्यभार संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर कड़ी कार्रवाई की है;

Update: 2019-06-22 06:23 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों में कैदियों की मौज-मस्ती को मुख्यमंत्री ने सख्त तेवर दिखाए हैं। आनंद कुमार ने डीजी (जेल) का कार्यभार संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में दोषी पाए गए जेलर (कारापाल) उदय प्रताप सिंह व मेरठ जेल में स्टिंग ऑपरेशन मामले में डिप्टी जेलर (उप कारापाल) धीरेंद्र कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया है। प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने बताया, "जांच में दोनों अधिकारी ड्यूटी में लापरवाही के दोषी पाए गए और कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। दोनों अधिकारियों के कृत्यों से शासन व कारागार विभाग की छवि को गहरा आघात पहुंचा था, जिसके चलते यह कठोर कदम उठाया गया।"

ज्ञात हो कि बागपत जेल में नौ जुलाई, 2018 को उच्च सुरक्षा बैरक में बंदी सुनील राठी ने माफिया प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना ने कानून-व्यवस्था के साथ ही जेलों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा किए थे। सरकार की काफी किरकिरी भी हुई थी। घटना के बाद जेलर उदय प्रताप सिंह को निलंबित कर जेल अधीक्षक, कानपुर को विभागीय जांच सौंपी गई थी।

जांच में सामने आया कि जेलर ने बागपत जेल की अव्यवस्था दूर करने की महज औपचारिकता निभाई। हत्यारोपित बंदी सुनील राठी का बागपत जेल में पूरा प्रभाव था और उसके मुलाकातियों व उनके द्वारा लाए जाने वाले सामानों की तलाशी नहीं होती थी। इसके चलते ही सुनील राठी तक पिस्तौल और कारतूस पहुंचे। जेलर को जानकारी थी कि सुनील राठी और मुन्ना बजरंगी दोनों शातिर अपराधी हैं, इसके बावजूद मुन्ना बजरंगी को सुनील राठी के अहाते में बंद किया गया। जिसके नतीजे में मुन्ना की हत्या हुई।

मेरठ जेल में एक अक्टूबर, 2013 को एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में बंदियों को अनाधिकृत सुविधा दिलाने की बात कर रहे डिप्टी जेलर धीरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ 20 अप्रैल, 2017 को अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए जांच उप महानिरीक्षक (कारागार) बरेली को सौंपी गई थी। जांच में डिप्टी जेलर का आचरण भ्रष्टाचार से जुड़ा पाया गया। प्रमुख सचिव गृह ने जेलर व डिप्टी जेलर को सेवा से बर्खास्त किए जाने का शासनादेश जारी कर दिया है।

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