10 साल पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध: एनजीटी

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दस साल पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के अपने पुराने फैसले को बरकरार रखते हुए इस मामले में रियायत देने की केन्द्र सरकार की अपील ठुकरा दी;

Update: 2017-09-14 17:28 GMT

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने आज दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दस साल पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के अपने पुराने फैसले को बरकरार रखते हुए इस मामले में रियायत देने की केन्द्र सरकार की अपील ठुकरा दी।

न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी की तीन सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में कहा कि पुराने डीजल वाहनों से होने वाली जहरीली गैसों के उत्सर्जन से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है।

डीजल वाहनों से निकलने वाला धुआं बेहद जहरीला है। एक डीजल वाहन 24 पेट्रोल वाहनों के बराबर वायु प्रदूषण फैलाता है। पीठ ने केन्द्र की अपील ठुकराते हुए कहा कि सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने उसके 7 अप्रैल 2015 के फैसले में संशोधन के लिए कोई पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की बल्कि सीधे ही इसमें रियायत की अपील की जो इस बात का संकेत है कि केन्द्र ने इस मामले को कभी गंभीरता से नहीं लिया।

एनजीटी के अप्रैल 2015 के फैसले के खिलाफ केन्द्र सरकार ने जनवरी 2017 में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करते हुए यह दलील दी थी कि यह मानना गलत है कि केवल डीजल वाहन ही प्रदूषण फैलाते हैं ।

केन्द्र ने यह भी कहा था कि अगर दस साल पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगा दी गयी तो इससे कयी लोगों खासगर निम्न आय वर्ग वालों की रोजी रोटी पर असर पड़ेगा। एनजीटी के आज के आदेश के बाद अब यह तय हो गया है कि दिल्ली में दस साल पुराने डीजल वाहन नहीं चल सकेंगे। 
 

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