10 लाख विद्यार्थियों को दिए जाएंगे 6,600 करोड़ अनुदान : जावड़ेकर

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा कि जरूरतमंद विद्यार्थियों की सहायता के लिए सरकार अगले तीन साल में 6,600 करोड़ रुपये ऋण अनुदान पर खर्च करेगी;

Update: 2018-03-30 01:17 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा कि जरूरतमंद विद्यार्थियों की सहायता के लिए सरकार अगले तीन साल में 6,600 करोड़ रुपये ऋण अनुदान पर खर्च करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में बुधवार को 2009 में शुरू की गई योजना को अगले दिन साल के लिए बढ़ा दिया गया। 

जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया, "नरेंद्र मोदी सरकार की एक बड़ी न्यायिक पहल है कि अगले तीन साल में साधनहीन व 4.5 लाख रुपये से कम सालाना आय वाले 10 लाख विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण व ब्याज अनुदान प्रदान किए जाएंगे।"

इस योजना के तहत पात्र विद्यार्थियों को बिना किसी गारंटी के ऋण दिया जाएगा और कोर्स की समाप्ति के एक साल बाद जिस तक उसपर ब्याज का भुगतान सरकार करेगी जिस दौरान विद्यार्थी को नौकरी मिलने की उम्मीद रहती है। 

विद्यार्थी इस योजना के तहत 7.5 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं। 

मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले तीन साल में इस योजना पर कुल 5,400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो अब अगले तीन साल में बढ़कर 6,600 करोड़ रुपये हो जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि यह बजट 2009-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा खर्च किए गए 4,000 करोड़ रुपये से अधिक है। 

जावड़ेकर ने उस पहल की घोषणा की जिसके तहत सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक प्रशिक्षण को एक योजना के तहत समेकित किया जाएगा। इसके लिए योजना तैयार करने के प्रस्ताव को बुधवार को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की। 

सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। 

मंत्री ने कहा कि पांच साल में सरकार अपने सारे विद्यालयों में कक्षा नौ, 10, 11 और 12 में डिजिटल ब्लैकबोर्ड की शुरुआत करेगी। 

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