'इंदु सरकार' में कुछ भी बदलाव नहीं करना चाहता : मधुर भंडारकर

फिल्मकार मधुर भंडारकर का कहना है कि वह फिल्म 'इंदु सरकार' में कुछ भी बदलाव नहीं करना चाहते, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे फिल्म के सार पर प्रभाव पड़ेगा;

Update: 2017-07-12 11:18 GMT

मुंबई| फिल्मकार मधुर भंडारकर का कहना है कि वह फिल्म 'इंदु सरकार' में कुछ भी बदलाव नहीं करना चाहते, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे फिल्म के सार पर प्रभाव पड़ेगा।

सेंसर बोर्ड ने फिल्म से आरएसएस और अकाली जैसे शब्दों को हटाने के लिए कहा है। भंडारकर ने 1975 के आपातकाल की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म सोमवार को केंद्रीय फिल्म एवं प्रमाणन बोर्ड को दिखाई, जिसने फिल्म में 12 कट लगाने और दो जगह डिस्क्लैमर देने के लिए कहा, जिससे फिल्मकार सकते में हैं।

भंडारकर ने अपने अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर बताया, "मैं कुछ भी बदलाव नहीं करना चाहता, क्योंकि इससे मेरी फिल्म का सार प्रभावित हो सकता है। हम पुनरीक्षण समिति के पास जाएंगे। उम्मीद करते हैं कि इसे मंजूरी दे दी जाएगी, अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर हमारे पास अपीलीय न्यायाधिकरण के पास जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होगा।"

सेंसर बोर्ड ने 'भारत की एक बेटी ने देश को बंदी बनाया हुआ है' व 'और तुम लोग जिंदगीभर मां-बेटे की गुलामी करते रहोगे' जैसे संवादों को भी हटाने के लिए कहा है। 

भंडारकर ने यह पूछे जाने पर कि क्या कट लगाने के लिए कहना सीबीएफसी के राजनीतिक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है तो उन्होंने कहा, "आपको उनसे पूछना चाहिए।"

नील नितिन मुकेश, कीर्ति कुलहरि, सुप्रिया विनोद, अनुपम खेर और तोता रॉय चौधरी अभिनीत फिल्म के किरदार दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी से प्रेरित हैं। 

फिल्म को लेकर खुद को संजय गांधी की बेटी बताने वाली एक महिला प्रिया सिंह पॉल ने भी भंडारकर को नोटिस भेजा है।

भंडारकर ने इससे पहले कहा था कि उनका एजेंडा इस फिल्म के जरिए किसी राजनीतिक विचारधारा का प्रचार करना नहीं है।फिल्म 28 जुलाई को रिलीज हो रही है। 

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