चुनाव से पहले बढ़ सकती हैं अखिलेश यादव की मुश्किलें
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुश्किलें आने वाले चुनाव से पहले बढ़ सकती हैं

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुश्किलें आने वाले चुनाव से पहले बढ़ सकती हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवरफ्रंट में हुई धांधली की जांच तेज़ हो गई है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने प्रोजेक्ट से जुड़ी छह कंपनियों को समन जारी किया है। वहीं बताया जा रहा है कि इस मामले में ईडी समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान विभाग से जुड़े अधिकारियों और मंत्रियों को भी समन भेज सकती है।
बताया जा रहा था प्रोजेक्ट में करीब 1,513 करोड़ रुपये की अनियमितता हुई है। सीबीआई ने पिछले साल 2 दिसंबर, 2017 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। एफआईआर में सीबीआई ने लखनऊ में पदस्थापित सिंचाई विभाग के आठ इंजीनियरों को आरोपी बनाया है।
आरोप है कि इन सभी कर्मचारियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए वित्तीय गड़बड़ी की और आर्थिक अपराध किया है। इनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इस साल मार्च में सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की थी जिसके बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच तेज़ कर दी है।
इस मामले में ईडी ने प्रोजेक्ट से जुड़ी छह बड़ी कंपनियों को समन जारी किया है।


