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कृषि क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और चिली की सरकार के बीच समझौता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिए भारत और चिली की सरकार के बीच समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है

कृषि क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और चिली की सरकार के बीच समझौता
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिए भारत और चिली की सरकार के बीच समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है।

केंद्र सरकार के मुताबिक यह समझौता, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करता है। इसमें सहयोग के जो मुख्य क्षेत्र परिकल्पित हैं उनमें आधुनिक कृषि के विकास के लिए कृषि नीतियां है। जैविक उत्पादों के द्विपक्षीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए जैविक कृषि, दोनों देशों में जैविक उत्पादन को विकसित करने की नीतियों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना भी समझौते का हिस्सा है।

इसके अलावा भारत और चिली के बीच हुआ यह समझौता सुनिश्चित करेगा कि विज्ञान और नवाचार के जरिए साझेदारियों के अवसर तलाशने जाएं ताकि भारतीय संस्थानों और चिली के संस्थानों के बीच कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके, और एक जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग किया जाए।

इस एमओयू के तहत, चिली-भारत कृषि कार्यसमूह का गठन किया जाएगा जो इस एमओयू के कार्यान्वयन के पर्यवेक्षण, समीक्षा और आकलन के साथ-साथ लगातार संचार व समन्वय स्थापित करने के लिए जिम्मेदार होगा।

इस कृषि कार्यसमूह की बैठकें चिली और भारत में बारी-बारी से वर्ष में एक बार आयोजित की जाएंगी। हस्ताक्षर के बाद ये समझौता ज्ञापन लागू होगा और अपने निष्पादन की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए लागू रहेगा, जिसके बाद इसे स्वत पांच साल की अवधि के लिए नवीनीकृत किया जाएगा।

वहीं दूसरी ओर जी20 के तहत कृषि कार्य समूह (एडब्ल्यूजी) की तीन दिनों तक चलने वाली कृषि प्रतिनिधियों की पहली बैठक 15 फरवरी को सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। यह आयोजन संस्कृति, भोजन तथा इतिहास से समृद्ध अनुभवों का एकीकरण था और साथ ही इस पर बैठकों के दौरान सार्थक विचार-विमर्श पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी थी।

भारत की जी20 अध्यक्षता के अंतर्गत प्रस्तावित एजेंडे पर अतिथि देशों के सुझावों को स्वीकार किया गया और तमाम बिंदुओं पर चर्चा की गई। चार विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, जिनमें खाद्य सुरक्षा एवं पोषण, जलवायु के प्रति स्मार्ट ²ष्टिकोण के साथ सतत कृषि, समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला व खाद्य प्रणाली और कृषि परिवर्तन के लिए डिजिटलीकरण शामिल हैं।


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