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गढ़ बचाने की मुहिम में प्रियंका के बाद राहुल गांधी भी उतरेंगे अमेठी के चुनाव प्रचार में

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी 25 फरवरी को पार्टी का गढ़ कही जाने वाली अमेठी सीट के दौरे पर रहेंगे

गढ़ बचाने की मुहिम में प्रियंका के बाद राहुल गांधी भी उतरेंगे अमेठी के चुनाव प्रचार में
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नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी 25 फरवरी को पार्टी का गढ़ कही जाने वाली अमेठी सीट के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान राहुल अमेठी के कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव अभियान में हिस्सा लेंगे। खास बात ये है कि ये उत्तरप्रदेश में राहुल का पहला चुनावी दौरा है। उत्तराखंड के पांचवें चरण के चुनाव के लिए राहुल गांधी अमेठी और प्रयागराज में कई रैलियों और रोड शो को संबोधित करेंगे। दोनों जिलों में पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा।

उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में अब तक एक भी चुनावी रैली को सम्बोधित नहीं किया है। हालांकि राहुल अन्य चुनावी राज्य गोवा, उत्तराखंड, पंजाब और मणिपुर में प्रचार कर चुके हैं। करीब 30 जनसभाओं को उन्होंने सम्बोधित किया था। जबकि यूपी के लिए राहुल गांधी ने जनवरी की शुरूआत में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ चुनावी घोषणा पत्र जरूर जारी किया था लेकिन अब तक प्रदेश में एक भी रैली या रोड-शो को संबोधित नहीं किया था। हालांकि इस बीच महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, उत्तर प्रदेश में पार्टी पर्यवेक्षक व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पार्टी सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और इमरान प्रतापगढ़ी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस के लिए जमकर प्रचार अभियान में हिस्सा लिया।

खासबात ये है कि राहुल गांधी से पहले उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी बुधवार को अमेठी सीट के कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगी।

गौरतलब है कि अमेठी सीट इंदिरा गांधी के समय से ही हॉट सीटों में शुमार रही है। कांग्रेस भले ही प्रदेश के 399 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही है लेकिन उसके लिए कसौटी तो रायबरेली और अमेठी जिलों की सीटें ही होंगी। हालांकि पिछले चुनाव में गांधी परिवार के इस किले को भाजपा भेद चुकी है। यही वजह है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में ये सीट काफी दिलचस्प बन गई है। कांग्रेस अपनी पूरी कोशिश से अपने गढ़ अमेठी को बचाने में जुटी है। इस बार राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के बीच चुनावी जंग ने इसे और चर्चा में ला दिया था।

साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अमेठी की चारों सीटें हार गई थी। दो साल बाद कांग्रेस को तब करारा झटका लगा जब लगातार तीन बार यहां से सांसद चुने गए पार्टी नेता राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए। लिहाजा अमेठी में कांग्रेस दोहरे दबाव में है।

अठारहवीं विधान सभा के चुनाव में कांग्रेस के सामने पहली चुनौती तो यह है कि वह अमेठी में अपना खाता खोलकर अपना अस्तित्व बचाए। दूसरी चुनौती यह है कि जिले में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर प्रियंका की सफल कप्तानी पर मुहर लगाए। यही वजह है कि चुनाव का अंतिम समय तक प्रियंका और राहुल गांधी दोनों इस सीट से प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में जुटे हैं।


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