शेल कंपनियों पर दोष के आधार पर की जायेगी कार्रवाई: जेटली
सरकार ने आज कहा कि अब तक एक लाख 62 हजार शेल या निष्क्रिय कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया है
नयी दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि अब तक एक लाख 62 हजार शेल या निष्क्रिय कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया है और यदि उन्होंने किसी कानून या नियम का उल्लंघन किया होगा तो उन पर कानून सम्मत कार्रवाई की जायेगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में प्रश्नकाल में एक सवाल के जवाब में कहा कि कंपनी अधिनियम में शेल कंपनी को परिभाषित नहीं किया गया है। ऐसी कंपनियां जो सक्रिय कारोबार नहीं करतीं हैं और उनमें धन का आदान प्रदान होता है, उन्हें शेल कंपनियां कहा गया है। ऐसी कंपनियों का इस्तेमाल कर चोरी के लिये किया जाता है।
जेटली ने कहा कि 12 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार कुल एक लाख 62 हजार 618 शेल या निष्क्रिय कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया गया है। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों की जांच की जा रही है। यदि कंपनियों ने कर चोरी की है तो उसकी वसूली की जायेगी। यदि बेनामी संपत्ति जुटायी है तो उसके बारे में भी कानूनन कदम उठाये जायेंगे।
उन्होंने एक पूरक सवाल के जवाब में कहा कि शेल कंपनियों के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई इस बात पर निर्भर करती है कि उनका दोष क्या है। टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले में शामिल कंपनियों के निदेशकों के विरुद्ध कार्रवाई के बारे में पूछे गये एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि निदेशकों के बारे में तभी कार्रवाई होती है जब निदेशक ने किसी कानून का उल्लंघन किया हो। एक पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कंपनी पंजीकार कार्यालय में सभी रिक्तियों को जल्द से जल्द भरा जाता है।


