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अदालत के फैसले के बाद ही आसिया पाकिस्तान छोड़ सकतीं हैं : सरकार

पाकिस्तान की सरकार ने कहा कि ईशनिंदा के आरोपों से बरी ईसाई महिला आसिया बीबी तभी पाकिस्तान से बाहर जा सकती हैं जब सर्वोच्चन्यायालय उनको बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर देगा

अदालत के फैसले के बाद ही आसिया पाकिस्तान छोड़ सकतीं हैं : सरकार
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सरकार ने गुरुवार को कहा कि ईशनिंदा के आरोपों से बरी ईसाई महिला आसिया बीबी तभी पाकिस्तान से बाहर जा सकती हैं जब सर्वोच्च न्यायालय उनको बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर देगा। पांच बच्चों की मां आसिया बीबी को बुधवार की रात मुलतान के कारावास से मुक्त कर दिया गया। वह पिछले आठ साल से वहां सजा भुगत रही थीं। उनपर 2009 में पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने का आरोप था और उन्हें इस आरोप में 2018 में अदालत ने मृत्युदंड देने का आदेश दिया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने आसिया के कारावास से मुक्त होने को लेकर पैदा हुए रोष के बाद उनके देश छोड़ने की अफवाहों को खारिज कर दिया।

फैसल ने डॉन न्यूज टीवी से बातचीत में कहा, "उनके देश छोड़ने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है। यह फर्जी खबर है।"

फैसल ने उनके बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं दी। आसिया बीबी को 31 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बरी करार देकर रिहा करने का आदेश दिए जाने के खिलाफ कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था।

फैसल ने कहा, "आसिया (बीबी) पाकिस्तान में सुरक्षित स्थान पर हैं। वह अब आजाद नागरिक हैं। याचिका अदालत में है।"

उन्होंने कहा कि पुनरीक्षण याचिका पर अदालत में फैसला होने के बाद बीबी जहां चाहे वहां जाने को स्वतंत्र हैं।

उन्होंने कहा, "ऐसा करने से उनको कोई नहीं रोकेगा। एक आजाद नागरिक जहां जाना चाहे वहां जा सकता है। वह पाकिस्तानी प्राधिकार से प्रसन्न है। पाकिस्तान सरकार उनकी रक्षा के लिए तत्पर है।"

सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने आसिया बीबी के देश छोड़ने के बारे में बगैर पुष्टि के खबर प्रसारित करने के लिए कुछ मीडिया संस्थानों के व्यवहार को गैर-जिम्मेदाराना बताया।

चौधरी ने ट्वीट के जरिए कहा, "सुर्खियों के लिए फर्जी खबर प्रसारित करना सामान्य नियम बन गया है। आसिया बीबी का मसला संवदेनशील है। पुष्टि किए बगैर उनके देश छोड़ने की खर प्रसारित करना काफी गैर-जिम्मेदार व्यवहार है। मैं मीडिया के एक वर्ग से जिम्मेदार व्यवहार करने की अपील करता हूं।"

टीएलपी सर्वोच्च न्यायालय से आदेश का पुनरीक्षण करने की मांग कर रही है। कट्टरपंथी समूह ने सरकार पर पिछले सप्ताह इस बात के लिए राजी करने को लेकर दबाव डाला कि बीबी को पाकिस्तान छोड़ने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। इसी शर्त पर उसने अपना आंदोलन वापस लिया था।

टीएलपी प्रवक्ता इजाज अशरफी ने ट्वीट के जरिए कहा कि सरकार के किसी विभाग ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि बीबी विदेश चली गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने भरोसा दिलाया है कि पुनरीक्षण याचिका पर आदेश आने तक वह देश में ही रहेंगी।

कई देशों ने बीबी को शरण देने की पेशकश की है। इटली के आंतरिक मामलों के मंत्री मट्टियो साल्विनी ने घोषणा की कि उनका देश आसिया बीबी को पाकिस्तान छोड़ने में मदद करेगा।

बीबी के वकील सैफ मुलूक ने पिछले सप्ताहांत यह कहते हुए पाकिस्तान छोड़ दिया था कि आसिया के रिहा होने को लेकर हो रहे विरोध के बाद उनकी जान को खतरा है।


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