एक नकार दिया वंश पूरे विपक्ष की आवाज नहीं:नड्डा
प्रधानमंत्री के साथ चीन के मुद्दे पर 19 जून को हुई सर्वदलीय बैठक का उल्लेख करते हुए एक अन्य ट्वीट में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष का अधिकार है, सवाल पूछना।

नयी दिल्ली। गलवान घाटी में भारत एवं चीन के सैनिकों के बीच संघर्ष को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि एक नकार दिया वंश पूरे विपक्ष की आवाज कैसे हो सकता है।
श्री नड्डा ने आज कई ट्वीट कर कांग्रेस पर जोरदार प्रहार किये । उन्होंने लिखा ," एक नकार दिया वंश पूरे विपक्ष के बराबर नहीं है. एक वंश का हित देश का हित नहीं हैं। आज, देश एकजुट है और हमारे सशस्त्र बलों का समर्थन कर रहा है। यह एकता और एकजुटता का समय है।"
A rejected and ejected dynasty is NOT equal to the entire Opposition. One dynasty’s interests are not India’s interests. Today, the nation is united and supportive of our armed forces. This is the time for unity and solidarity. Relaunch of ‘the scion’ for the nth time can wait.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 24, 2020
प्रधानमंत्री के साथ चीन के मुद्दे पर 19 जून को हुई सर्वदलीय बैठक का उल्लेख करते हुए एक अन्य ट्वीट में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष का अधिकार है, सवाल पूछना। सर्वदलीय बैठक में स्वस्थ चर्चा हुई थी। बैठक में कई विपक्षी नेताओं ने मूल्यवान सुझाव दिये और केंद्र सरकार के साथ इस मुद्दे पर आगे के कदमों के लिए पूरा समर्थन दिया। केवल एक परिवार अपवाद है।
उन्होंने कहा," एक वंश के कुकर्मों के कारण हमने देश की हजारों वर्ग किमी जमीन का हिस्सा गवां दिया। सियाचिन ग्लेशियर लगभग चला गया है,और भी बहुत कुछ...इसलिए कोई आश्चर्य नहीं कि देश ने उन्हें नकार दिया है।"
उन्होंने कहा कि एक राज वंश और उसके वफादार दरबारियों को पूरा विपक्ष होने का महा भ्रम हो गया है। एक वंश बखेड़ा खड़ा करता है और उसके दरबारी फर्जी धारणाएं फैलाने लगते हैं। सरकार से अभी जो सवाल किये जा रहे हैं, वे इसका ताजा उदाहरण हैं।
उल्लेखनीय है कि 15-16 जून की रात को गलवान में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी बड़ी संख्या में सैनिकों के मारे जाने की रिपोर्ट है हालांकि चीन की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
इस घटना के बाद प्रधानमंत्री पर श्री गांधी निरंतर हमलावर हैं और उन्हें ‘सरेंडर मोदी’ तक कहा है।


