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जिलास्तर पर 3 फीसदी अतिरिक्त वृद्धि आवश्यक : प्रभु

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने राष्ट्रीय स्तर पर विकास सुनिश्चित करने के लिए जिलों के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया

जिलास्तर पर 3 फीसदी अतिरिक्त वृद्धि आवश्यक : प्रभु
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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने राष्ट्रीय स्तर पर विकास सुनिश्चित करने के लिए जिलों के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया, और उन्होंने कहा कि जिलास्तर पर अतिरिक्त तीन प्रतिशत की वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पांच खरब अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य प्राप्त करना सुनिश्चित हो सकेगा। प्रभु ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में जिलों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने तथा जिलास्तर से शुरू की जाने वाली समग्र विकास प्रक्रिया के लिए सहभागी तंत्र के माध्यम से एक व्यापक जिला योजना बनाने का फैसला किया गया है।

उन्होंने कहा, "संसाधनों और सूचनाओं को अपने तक सीमित रखने की सोच से परे जाकर संसाधन आधारित योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने की आवश्यकता है। जिलास्तर पर अतिरिक्त तीन प्रतिशत की वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पांच खरब डॉलर का लक्ष्य प्राप्त करना सुनिश्चित हो सकेगा।"

उन्होंने कहा, "इस योजना से कृषि क्षेत्र में फसल पद्धति की मैपिंग सहित जिलों के संसाधनों और उनकी शक्तियों के आधार पर सरकारी हस्तक्षेप किया जा सकेगा। इससे सूक्ष्म, मध्यम और मझोले उद्योगों और जिलों के लिए उपयुक्त सेवाएं, कौशल विकास पहल, व्यवसाय सुगम बनाने, ऋण की उपलब्धता, सरकारी और निजी क्षेत्र के प्रयासों के समायोजन के साथ ही योजना को लागू करने में राज्य सरकारों और जिला प्रशासन की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी।"

यह पहल छह जिलों से शुरू होगी, जिसमें महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी, उत्तर प्रदेश में वाराणसी, बिहार में मुजफ्फरपुर, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम और हिमाचल प्रदेश में सोलन शामिल हैं।

योजना की संरचना और क्रियान्वयन की निगरानी के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में एक संचालन समिति का गठन किया जाएगा। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों तथा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों के प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे। चयनित राज्यों के लिए इस योजना की रूपरेखा उन राज्यों के भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) तैयार करेंगे। योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए जिलास्तर पर एक क्रियान्वयन समिति का प्रस्ताव किया गया है। समिति का नेतृत्व जिला कलेक्टर करेंगे।


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