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बिल्डर्स के खिलाफ 11 राज्यों के फ्लैट खरीदार होंगे एकजुट

इन दिनों नोएडा समेत देशभर में चल रहे बिल्डर और खरीदारों का मुद्दा लगातार सरकार के लिए चुनौती बनता जा रहा है

बिल्डर्स के खिलाफ  11 राज्यों के फ्लैट खरीदार होंगे एकजुट
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नोएडा। इन दिनों नोएडा समेत देशभर में चल रहे बिल्डर और खरीदारों का मुद्दा लगातार सरकार के लिए चुनौती बनता जा रहा है। वहीं अब उत्तर प्रदेश समेत 11 राज्यों में घर न मिलने से परेशान लाखों खरीदार ने एकजुट होकर बिल्डरों के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है। इसके लिए आरआरएम फाउंडेशन ने सभी 200 बड़े प्रोजेक्ट के 30 बिल्डरों के खरीदार के एसोसिएशन को एक साथ जोड़ा है।

आरआरएमएफ ने बुधवार को सेक्टर-27 स्थित फॉर्चून होटल में विभिन्न खरीदार एसोसिएशन के साथ बैठक की गई। जहां बताया कि इन 30 बिल्डरों के देश के विभिन्न हिस्से में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं और अब आरआरएमएफ के तहत सभी प्रोजेक्टों के खरीदार सामूहिक रूप से इन बिल्डरों के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ेंगे व नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत विभिन्न राज्यों के खरीदार को घर दिलाएंगे। इस दौरान आरआरएम फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश दत्त ने बताया कि जिस तरह बिल्डर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं वह स्वतंत्र भारत के निवासियों के साथ सबसे बड़ी धोखाधड़ी है।

अभी तक विभिन्न बिल्डर्स के खरीदार अलग-अलग अपनी लड़ाई लड़ रहे थे लेकिन अब हम लोग 30 बिल्डरों के 20 लाख से अधिक खरीदारों को एकजुट कर धोखेबाज बिल्डरों के खिलाफ लड़ेंगे। दत्त ने बताया कि हमारे पास कई जाने-माने पेशेवर, उपयोगकर्ता और खरीदारों की एक टीम है जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता, भारतीय सेना के उच्च रैंक अधिकारी, शिक्षावादी व समाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। आज समाज के विभिन्न तपकों के प्रतिनिधित्व करने वाले लोग एक साथ आए हैं क्योंकि उन्हें एहसास हुआ है कि सिस्टम पूरी तरह भ्रष्ट हो चुका है।

अकेले खरीदार के जाने पर नहीं होती सुनवाई

आरआरएम फाउंडेशन नोएडा इकाई के अध्यक्ष डॉ. कर्नल नागराथ ने बताया कि सभी की आम शिकायत थी कि जब वह बिल्डर के पास अकेले अपनी शिकायत लेकर गए तो आरोपी बिल्डरों ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। हम जानते हैं कि बिल्डर बड़े खिलाड़ी हैं और उनकी गठजोड़ बहुत मजबूत है और उन्होंने राजनीतिक दलों, अधिकारियों आदि से नजदीकी बनाई हुई है। शहर में इन दिनों कई मध्य और छोटे आकार के बिल्डर हैं जिनके प्रोजेक्ट्स सही रास्ते पर नहीं हैं। इनमें आम्रपाली, जेपी, यूनिटेक, पृथ्वी इंफ्रा, एवलॉन, फेरस, एनपीएक्स, पैरामाउंट, प्रेमिया, एएमआरए सुपरटेक, विगेश्वर आदि शामिल हैं।

आरआरएम फाउंडेशन के संस्थापक निरंजन शर्मा ने बताया कि हम लोगों को यह दिखाना चाहते हैं कि अब तक जो सरकार रियल एस्टेट क्षेत्र से अरबों कमा चुकी है वह दबंग बिल्डरों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रही। हमने अब इस फाउंडेशन को बनाकर इन दबंगों से लड़ने के लिए एक मंच पर सभी को एक साथ लाने का निर्णय लिया है ताकि हम सभी खरीदार एकजुट होकर विभिन्न चुनौतियों का सामना कर सके। इसी के साथ हम लोग जल्द ही सरकार के सामने अपनी 15 मांगों का एक चार्टर रखने जा रहे हैं।


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