अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे युवराज सिंह, पिता के बयान को लेकर कही ये बात
आज भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह का बर्थ़डे है

नई दिल्ली। आज भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह का बर्थ़डे है। टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर रहे युवराज सिंह आज अपना 39वां जन्मदिन मना रहे हैं। युवी का जन्म 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में हुआ था। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में युवराज सिंह वह नाम है जो अपने कारनामों के लिए जाना जाता है। 6 बॉल पर 6 छक्के लगाने वाले युवराज सिंह ने अपने करियर से लेकर अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे। रिकॉर्ड् की बात करें तो युवराज सिंह के नाम टी-20 क्रिकेट में छह गेंदों पर छह छक्के लगाने का विश्व रिकॉर्ड दर्ज है।
इसके अलावा टी-20 क्रिकेट में 12 गेंदों में फिफ्टी बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है। बड़े स्तर पर दो बार वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे युवराज के नाम अंडर-19 विश्व कप जीतने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। जहां उतार चढ़ाव से भरे अपने करियर को वो शानदार बना रहे थे तभी उन्हें कैंसर जैसी घातक बिमारी हो गई।
कैंसर को तो युवराज ने मात दे दी लेकिन वह वापस से अपने फॉर्म में न आ पाए, प्रयास तो खूब किया था लेकिन वापस से दर्शकों को 6 छक्के मारने वाला युवी नहीं देखने को मिला। युवराज ने पिछले साल यानि की साल 2019 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। युवराज ने संन्यास लेनी की घोषणा करके अपने फैंस को शॉक कर दिया था। फिलहाल युवराज अब अपनी जिंदगी अपनी पत्नी के साथ आराम से बिता रहे हैं। आज अपने 39वें जन्मदिन पर उन्होंने बोला की वो अपना बर्थडे नहीं मनाएंगे। किसान आंदोलन के समर्थन में युवराज सिंह ने इस साल बर्थडे सेलिब्रेट नहीं करने का फैसला किया है। आज जब उनसे उनकी विश पूछी गई तो उन्होंने बताया कि "मैं चाहता हूं कि किसानों की सारी मांगें जल्द से जल्द पूरी हो जाएं।"
आपको बता दें कि अपने बर्थडे वाले दिन ही युवराज सिंह ने अपने पिता योगराज सिंह के विवादित बयानों को निराशाजनक बताया है और उसके लिए माफी भी मांगी है। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा 'एक भारतीय होने के नाते मैं अपने पिता योगराज सिंह द्वारा दिए गए बयान से बेहद आहत और दुखी हूं। मैं यहां ये साफ करना चाहता हूं कि ये उनका खुद का बयान है. मेरी विचारधारा उस तरह की नहीं है।"
— Yuvraj Singh (@YUVSTRONG12) December 11, 2020
बता दें कि युवराज के पिता योगराज ने किसान आंदोलन में शामिल महिलाओं के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था।


