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दिल्ली के निजी स्कूलों में 2.5 लाख ईडब्लूएस छात्रों के दाखिले के लिए निकाली ऑनलाइन लॉटरी

दिल्ली के निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) के छात्रों को 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिला देने के लिए बुधवार को ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई

दिल्ली के निजी स्कूलों में 2.5 लाख ईडब्लूएस छात्रों के दाखिले के लिए निकाली ऑनलाइन लॉटरी
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नई दिल्ली। दिल्ली के निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) के छात्रों को 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिला देने के लिए बुधवार को ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई।

शिक्षा निदेशालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए यह ड्रॉ निकाला गया। नर्सरी के लिए दिल्ली के कुल 1,299 निजी स्कूलों की 24,933 सीटों के लिए एक लाख 854 छात्रों के आवेदन प्राप्त हुए थे। इसी प्रकार 'केजी' कक्षाओं के लिए 622 स्कूलों की 4,682 सीटों के लिए 40,488 आवेदन प्राप्त हुए थे। कक्षा एक के लिए 1,213 स्कूलों की 14,430 सीटों के लिए 62,597 आवेदन प्राप्त हुए थे।

इन सभी का बुधवार को सफलतापूर्वक ड्रॉ निकाला गया। इसके बाद सारे डेटा को फ्रीज कर दिया गया। इसके लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी, जिसने सार्वजनिक रूप से सीडी बना कर, सीडी को साइन करके सील कर डायरेक्टर ऑफिस में जमा करा दिया।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली में पहली बार लॉटरी की यह प्रक्रिया हजारों अभिभावकों और मीडिया की मौजूदगी में पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हुई है। तीन कैटेगरी नर्सरी, केजी और पहली कक्षा के लिए ड्रॉ निकाला गया है।

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भावेश नामक एक छोटे बच्चे ने केजी और पहली क्लास के लिए 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' के लिए स्टैंडअलोन कंप्यूटर के बटन को दबा कर ड्रॉ की शुरुआत की। शामनाथ मार्ग के निवासी भावेश की मां घरेलू सहायिका है।

सूद ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के कार्यालय में जो स्टैंडअलोन कंप्यूटर था, उस कमरे में इंटरनेट की कोई भी सुविधा मौजूद नहीं थी। यहां तक कि मीडियाकर्मियों के फोन भी कमरे के अंदर नहीं ले जाने दिए गए। शिक्षा निदेशक भी अपना फोन कमरे के अंदर लेकर नहीं गए।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पहले दिल्ली के स्कूलों में नर्सरी में एडमिशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती जाती थी। लोग ड्रॉ में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते थे, जिसको लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता बहुत चिंतित थीं। हमने प्रयास किया है कि इसको बहुत ही पारदर्शी तरीके से पूरा किया जाए। ड्रॉ में पारदर्शिता के लिए अभिभावकों, बच्चों और मीडिया को भी बुलाया गया था।

उन्होंने कहा कि इस बार की दाखिला प्रक्रिया के लिए ईडब्लूएस कोटे के लिए वार्षिक आय की लिमिट ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें शामिल हो सकें।

आशीष सूद ने बताया कि सरकार ने स्कूलों में प्रवेश के लिए ईडब्लूएस की आय सीमा को बढ़ाकर शिक्षा की सुलभता को और मजबूत करने का प्रयास किया है। हर जरूरतमंद और गरीब बच्चे के लिए न्यायपूर्ण और निष्पक्ष प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सर्वोत्तम पारदर्शी उपाय प्रक्रिया अपनाई गई है। पूरी प्रक्रिया पर बारीकी से नजर रखने के लिए आयोजन स्थल पर तीन अलग-अलग स्थानों पर कैमरे लगाए गए थे। इस वर्ष प्राप्त कुल 2.5 लाख आवेदनों के लिए कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ आयोजित किया गया।

जगह की सीमित क्षमता को देखते हुए पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कई टेलीविजन स्क्रीन भी लगाए गए, जिससे सभी उपस्थित माता-पिता ड्रॉ को अपने सामने देख सकें। चयनित बच्चों के अभिभावकों को एसएमएस के जरिए सूचित किया जाएगा।

इस प्रक्रिया के तहत ड्रॉ के माध्यम से चुने गए छात्रों के अभिभावक सत्यापित दस्तावेज लेकर आवंटित हुए स्कूलों में जमा करेंगे और सभी स्कूल उन्हें बिना किसी इनकार के प्रवेश देने के लिए बाध्य होंगे।


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