नशे के गिरफ्त में फंसे युवा
शहर में जर्दा युक्त गुटखा पर प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है
रायपुर। शहर में जर्दा युक्त गुटखा पर प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। इसके चलते युवा तेजी से चपेट में आ रहे है। साथ ही नशे के आगोश में अपराध की घटनाएं सामने आने लगी है।
सूचना के बाद पुलिस और खाद्य विभाग की टीम कार्रवाई नहीं कर रही। अलबत्ता गली, मोहल्ले, कालोनी, बस्ती के हर कोने में नशे का कारोबार फैलता जा रहा है। जो गहरी चिंता का विषय है। यहां तक कि स्कूली छात्र छात्राएं शैक्षणिक दिवस में नशे में लिप्त पाये जा रहे हैं।
वहीं हाईकोर्ट का निर्देश है कि शैक्षणिक संस्थानों से 500 मीटर की दूरी पर पान गुटखा आदि के ठेले लगाये जा सकते है। इसके अलावा नशे के कारण युवा विकलांग तक होने लगे है। यह विकलांगता मानसिक और शारीरिक रूप में सामने आ रही है। फिर भी कार्रवाई नहीं होने में प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।
उल्लेखनीय है कि ठेले दुकानों के सामने इनकी पुड़िया अब ज्यादा मात्रा में देखने को मिलती है। क्या खाद्य एवं औषधि विभाग के पास इतना समय नहीं कि इसकी देखरेख कर सके या इस प्रकार के कार्यों को छापेमारी की कार्रवाई करके रोक सके उनका काम दूसरों को करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है वहीं दूसरी तरफ गुटखा माफियाओं के होंसले बुलंद दिन प्रतिदिन नये-नये नामोंं के जर्दे गुटखे मार्केट में उपलब्ध हो रहेहै साथ ही फेरी लगाकर खुलेआम इनको दुकानों एवं ठेलों तक सप्लाई किया जा रहा है।
ऐसे में आप इसको कहा तक बंद मान सकते है या प्रतिबंध मान सकते है आखिर किसको दिखाने के लिए यह प्रतिबंध हैं लोग तो खरीद कर खा रहे है क्या प्रशासनिक अमले का पता नहीं है कि राजधानी एवं प्रदेश के अंदर धड़ल्ले सेगुटखा का कारोबार खुलेआम चल रहा है तो आखिर किसको दिखाने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।
न जाने यह गुटखा कितने लोगों को अपना शिकार बनाती रही है इससे नागरिकों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है आखिर इससे किसको फायदा हो रहा जिसके चलते ये आज भी खुलेआम और हर ठेले खोमचे में बिक रहे हैं आसानी से आदमियों को उपलब्ध हो रहे हैं।
एवं इसकी सप्लाई भी बड़ी आसानी से हो रही है। कई बार ट्रक-ट्रक गुटखा पकड़ाने के बाद भी दुकानों और सप्लायरों के ठिकानों पर खाद्य विभाग छापा नहीं मार पा रहा है एवं उनके आंखों के सामने यह कालाबाजारी खूब पनप रही है शहर के गोदामों में न जाने कितनी मात्रा में यह जर्दा युक्त गुटखे भरे पड़े है। जो आसपास के इलाकों में आराम से पहुंच रही है।


