Top
Begin typing your search above and press return to search.

बायोगैस क्षेत्र की संभावनाओं का लाभ उठाएं युवा : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्यमियों से गोबर , फसलों के डंठल और शहरी ठोस कचरे आदि से जैव-ईंधन बनाने की विशाल संभावनाओं को सार्थक करने और इसके प्रोत्साहन के लिए प्रस्तुत नीति का लाभ उठाने का गुरुवार को आह्वान किया

बायोगैस क्षेत्र की संभावनाओं का लाभ उठाएं युवा : मोदी
X

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्यमियों से गोबर , फसलों के डंठल और शहरी ठोस कचरे आदि से जैव-ईंधन बनाने की विशाल संभावनाओं को सार्थक करने और इसके प्रोत्साहन के लिए प्रस्तुत नीति का लाभ उठाने का गुरुवार को आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में युवाओं, स्टार्ट अप इकाइयों सहित छोटी-बड़ी सभी प्रकार की इकाइयों के लिए अवसर हैं।

श्री मोदी ने बजट 2023-24 के बजट के पर इस वर्ष की वेबीनार श्रृंखला की पहली कड़ी का उद्घाटन करते हुए कहा , ‘‘ भारत में गोबर से 10 अरब घन मीटर बायोगैस और कृषि अपशिष्ट 150 अरब घन मीटर गैस के उत्पादन की संभावना है। इससे हमारे देश में सिटी गैस वितरण में आठ प्रतिशत तक का योगदान हो सकता है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हीं संभावनाओं की वजह से आज गोबरधन योजना, भारत की जैवईंधन रणनीति का एक अहम हिस्सा है। इस बार के बजट में सरकार ने गोबरधन योजना के तहत 500 नए प्लांट लगाने की घोषणा की है।

श्री मोदी ने कहा, “ये पुराने जमाने के गोबरगैस प्लांट की तरह नहीं होते। इन आधुनिक प्लांट्स पर सरकार 10 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार का 'कचरे से ऊर्जा ' का कार्यक्रम, देश के प्राइवेट सेक्टर के लिए, हमारे सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों के लिए एक नया बाजार बना रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों से निकलने वाले कृषि अपशिष्ट के साथ ही शहरों में निकलने वाले ठोस कचरे से भी कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) का उत्पादन करने का भी बेहतरीन मौका है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि निजी उद्यमियों को इस काम में उत्साहित करने के लिए कर में छूट के साथ ही सरकार आर्थिक मदद भी दे रही है।

श्री मोदी ने कहा, ‘हमारे देश में कृषि अपशिष्ट की कमी नहीं है। ऐसे में निवेशकों को देश के कोने-कोने में एथेनाल संयंत्र की स्थापना के मौके को छोड़ना नहीं चाहिए। प्रधानमंत्री कहा कि भारत में सौर, पवन, बायोगैस की जो संभावनाएं हैं, वे हमारे निजी क्षेत्र के के लिए किसी सोने की खान या तेल की खान से कम नहीं है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत को अगले 6-7 साल में अपनी बैटरी स्टारेज क्षमता को बढ़ाकर 125 गीगावाट/ घंटा करना है। यह लक्ष्य जितना बड़ा है, उतना ही आपके लिए इसमें नई संभावनाएं बन रही हैं।

श्री मोदी ने कहा, ‘ इसे हासिल करने के लिए लाखों करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता है। बैटरी का विकास करने वालों की मदद करने के लिए सरकार ने इस बजट में परियोजना की व्यावहारिकता का अभाव दूर करने के लिए धन सहायता देने की स्कीम की भी घोषणा की है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it