इंजीनियरिंग क्षेत्र से युवाओं का रूझान हो रहा कम
बदलते समय के साथ युवाओं का अपने कॅरियर के प्रति बदलना स्वाभाविक है, इंजीनियरिंग की तरफ से मोहभंग होने की वजह से देश के युवा अन्य सेक्टर की तरफ रुख करना शुरू कर दिए हैं
ग्रेटर नोएडा। बदलते समय के साथ युवाओं का अपने कॅरियर के प्रति बदलना स्वाभाविक है, इंजीनियरिंग की तरफ से मोहभंग होने की वजह से देश के युवा अन्य सेक्टर की तरफ रुख करना शुरू कर दिए हैं, वहीं डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विवि (एकेटीयू) प्रशासन ने करीब 20 हजार सीटें घटाने का फैसला किया।
हालांकि इस साल से 10 नए कॉलेज एकेटीयू से संबद्ध हो गए। इस सत्र में एकेटीयू में सीटों से भी कम आवेदन हुए हैं, ऐसे में आशंका है कि इस बार बड़ी संख्या में सीटें खाली रह सकती हैं।
एआईसीटी का मानना है युवा अन्य सेक्टर की तरफ रुख कर रहे हैं। राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा (यूपीएसईई) में बीटेक पाठ्यक्रमों के लिए 1,12,126 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। जबकि सरकारी और निजी कॉलेजों में बीटेक की कुल एक लाख 20 हजार सीटें हैं।
ऐसे में प्रवेश परीक्षा में शामिल अगर सभी अभ्यर्थियों को भी दाखिला दे दिया जाए तो भी 18, 874 सीटें खाली रहने की आशंका थी। एकेटीयू की संबद्धता कमेटी की बैठक में करीब करीब इतनी ही सीटें कम कर दी गईं। ऐसे में अब निजी कॉलेजों में सीटें खाली रहने की आशंका कम हो गई है।
हालांकि बची हुई सीटों पर सीधे दाखिले की मंजूरी निजी कॉलेजों को मिल चुकी है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क के कई कॉलेजों ने सीटें खाली हरने डरसे एआईसीटी में आवेदकर कर इंजीनियरिंग में अलग-अलग ब्रांचों में सीटे कम करने कि लिए आवेदन किया था।
इन कोर्सों के लिए घटाई गई सीटें
सिविल, इलेक्ट्रिकल एण्ड इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन, एमबीए, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियिंग, एमसीए, पीजीडीएम, बीआर्क, आईटी और होटल मैनेजमेंट।
इंजीनियरिंग की तरफ रुझान कम होने से कॉलेजों में सीटें खाली रह जाती थी, इसीलिए कॉलेजों में सीटें घटाई गई है, एआईसीटीई युवाओं में इंजीनियरिंग के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने के साथ स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा दे रहा है। -आलोक प्रकाश मित्तल, सदस्य सचिव, एआईसीटीई


