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युवा अधिकारी विकास के दूत : धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने युवा अधिकारी प्रशिक्षुओं को 'विकास के दूत' और 'अमृत काल के योद्धा' बताते हुए उनसे अपने नवाचारों और कौशल से भारत के विकास को तेज करने के लिए कहा‌ है

युवा अधिकारी विकास के दूत : धनखड़
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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने युवा अधिकारी प्रशिक्षुओं को 'विकास के दूत' और 'अमृत काल के योद्धा' बताते हुए उनसे अपने नवाचारों और कौशल से भारत के विकास को तेज करने के लिए कहा‌ है ।

श्री धनखड़ शुक्रवार को उप राष्ट्रपति निवास में डाक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से एक मुलाकात के दौरान कहा किदेश परिवर्तन के निर्णायक क्षण में है। इसलिए लोकसेवक को समावेशी विकास, वित्तीय समावेशन और सेवा वितरण में सरलता सुनिश्चित करनी चाहिए।

आम जनता के बीच अनुशासन और राष्ट्रवाद के मूल्यों को विकसित करने का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक डाकघर को मौलिक कर्तव्यों को प्रदर्शित और प्रचारित करना चाहिए। इससे नागरिकों के व्यवहार में बदलाव आएगा।

श्री धनखड़ ने युवा लोक सेवकों से लोगों के जीवन को बदलने के लिए जुनून, मिशन और करुणा दिखाने का आह्वान करते हुए कहा, "उन लोगों को खुशी देने से ज्यादा फायदेमंद और संतोषजनक कुछ नहीं हो सकता जो उम्मीद खो चुके हैं।"

उन्होंने ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के योगदान और हमारे मेहनती किसानों और श्रमिकों के प्रयासों के कारण भारत का उत्थान टिकाऊ है। भारत के वैश्विक उत्थान को अजेय बताते हुए उन्होंने कहा,“ सिर्फ एक दशक पहले, हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में 10 वें स्थान पर थे और अब हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं।”

उपराष्ट्रपति ने कहा कि अंतिम मील तक प्रभावी सेवा वितरण के लिए डाक विभाग के बुनियादी ढांचे और मानव संसाधनों का उपयोग किया जाना चाहिए।


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