कन्हैया समेत युवा नेताओं को विशेष जगह दी जायेगी: भाकपा
रेड्डी ने इस हार के लिए नैतिक जिम्मेदारी अपने ऊपर ली लेकिन महासचिव पद से इस्तीफा देने के बारे में मीडिया रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया

नयी दिल्ली। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने लोकसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष निरपेक्ष ताकतों को एक जुट करने में कांग्रेस एवं अन्य दलों की विफलता को विपक्ष की हार का एक प्रमुख कारण बताते हुए कहा है कि वह देश में वाम आन्दोलन को फिर से जान फूंकने का काम करेगी और कन्हैया जैसे युवा नेताओं को पार्टी में विशेष जगह देकर युवा शक्ति को आगे बढ़ाएगी।
भाकपा की लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के बाद महासचिव सुधाकर रेड्डी, वरिष्ठ नेता डी. राजा और अमरजीत कौर ने संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
रेड्डी ने इस हार के लिए नैतिक जिम्मेदारी अपने ऊपर ली लेकिन महासचिव पद से इस्तीफा देने के बारे में मीडिया रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वह इस हार की नैतिक जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते है लेकिन हमारी पार्टी अन्य पार्टियों की तरह नहीं है और हमारे यहाँ व्यक्ति विशेष की नहीं बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि इस हार का मुख्य कारण यह है कि कांग्रेस समेत सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक दल विपक्ष को एकजुट नहीं कर पाए।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी देश में सभी वामदलों को एक साथ लेकर वामपंथी आन्दोलन को फिर से खड़ा करने की कोशिश करेगी और उस आन्दोलन से निकलकर एक कम्युनिस्ट पार्टी बनेगी जो एक नीतियों पर आगे चलकर अपने दुश्मन से लड़ सके।
यह पूछे जाने पर कि क्या अब वाम दलों का आपस में विलय हो जायेगा। भाकपा नेता ने इसका खंडन किया पर साथ भी यह कहा कि वाम आन्दोलन की एकजुटता से उसके भीतर से ही एक नया वाम दल उभरेगा।
बिहार के बेगुसराय से कन्हैया की हार के बारे में पार्टी सचिव ने कहा कि वहां जातिगत आधार पर वोट देने और इलेक्ट्रॉनिक वाेटिंग मशीन (ईवीएम) में धंधली के कारण भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है क्योंकि कई विधान सभा क्षेत्रों में वास्तविक वोट से अधिक वोट पड़े हैं।
यह कहे जाने पर कि क्या अब कन्हैया को पार्टी में विशेष जगह और जिम्मेदारी दी जायेगी, श्री डी राजा ने कहा कि उनकी पार्टी को फिर से जीवित किया जायेगा और युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाया जायेगा। कन्हैया और नई पीढी के नेताओं को अधिक जिम्मेदारी दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के प्रादेशिक इकाइयों ने विचार विमर्श शुरू कर दिया है और उन्हें अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके बाद 19 से 21 जुलाई तक राष्ट्रीय परिषद् की बैठक बुलाई गयी है।


