आप सरकार संवैधानिक राह पर नहीं अराजकतावादी राह पर चल रही है : विपक्ष
'आम आदमी पार्टी सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्थाओं तथा संवैधानिक मार्ग पर न चलकर अराजकतावादी तथा अलोकतांत्रिक मार्ग पर चल हर कीमत पर अधिनायकवादी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारों पर चल रही है

नई दिल्ली। 'आम आदमी पार्टी सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्थाओं तथा संवैधानिक मार्ग पर न चलकर अराजकतावादी तथा अलोकतांत्रिक मार्ग पर चल हर कीमत पर अधिनायकवादी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारों पर चल रही है। वह अपने आप को प्रशासनिक, न्यायिक तथा संवैधानिक संस्थाओं से उपर मानती है।’
यह आरोप लगाते हुए विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने आज कहा कि विधानसभा का चार दिवसीय सत्र में मुख्यमंत्री ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वह विधानसभा का अपमान है।
श्री गुप्ता ने सत्र के बाद साथी विधायक ओमप्रकाश शर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा, जगदीश प्रधान के साथ कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार के मुख्यमंत्री अपने आप को दिल्ली का मालिक कहते ही नहीं बल्कि मानते भी हैं, ऐसा व्यवहार करते हैं। उन्होंने विपक्ष के प्रति जिस भाषा, व्यवहार का परिचय दिया, वह हमारा नहीं विधानसभा का अपमान है। यह विडम्बना है कि चुनावों से पहले अपने आप को आम आदमी कहने वाला व्यक्ति आज अपने आप को दिल्ली का मालिक कहता है। वि
पक्ष द्वारा उपराज्यपाल की विधानसभा द्वारा गठित विभाग संबंधी समितियों पर संदेश, अतिथि अध्यापकों का नियमितिकरण तथा मैट्रो का किराया बढ़ाए जाने के मुद्दे उठाने की जानकारी देते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि तीनों विषयों पर सरकार ने लोकतांत्रिक और संवैधानिक व्यवस्थाओं को सिरे से नकारते हुए अराजकतावादी मानसिकता के चलते हुए दिल्ली की जनता को गुमराह किया।
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रही है कि वैधानिक, न्यायिक तथा कार्यपालिका में टकराव न हो और तीनों स्तम्भ अपनी-अपनी परिधि में रहकर काम करें।
विपक्ष के नेता ने कहा कि कल विधानसभा में उपराज्यपाल की शक्तियों व अधिकारों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। संदेश को लेकर उपराज्यपाल की अवमानना की है जिसकी कड़े शब्दों में भर्तस्ना करते हैं। उपराज्यपाल के पद की अवहेलना की गई, यह विधानसभा के इतिहास में एक कलंकित अध्याय बन गया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल के संदेश को असंवैधानिक कहा जबकि सरकार का मुखिया होने के नाते उपराज्यपाल को संदेश भेजने का पूरा अधिकार है। संविधान में स्थिति पूरी तरह स्पष्ट है और उपमुख्यमंत्री उसकी गलत व्याख्या कर विषय को घुमा रहे हैं।


