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सैफई के विकास पर योगी की मेहरबानी बनी चर्चा का विषय

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गांव सैफई के विकास के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संजीदगी क्षेत्र के बाशिंदो को खूब भा रही है

सैफई के विकास पर योगी की मेहरबानी बनी चर्चा का विषय
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इटावा । समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गांव सैफई के विकास के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संजीदगी क्षेत्र के बाशिंदो को खूब भा रही है वहीं क्षेत्र के राजनीतिक पंडितों के बीच यादव परिवार के गढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की मेहरबानी के निहितार्थ निकाले जाने लगे हैं।

श्री योगी ने दो दिन पहले कानपुर मंडल की समीक्षा बैठक में सैफई मे चल रही विकास योजनाओ पर विशेष तवज्जो दी थी। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी श्रुति सिंह की ओर से अगवत कराया गया कि इटावा में 50 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं में लोक निर्माण विभाग की ओर से 97 करोड़ की लागत से सोनवारा बाईपास मार्ग तैयार किया गया है। इस पर पांच फीसद काम शेष रह गया है।

सैफई में 500 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक का निर्माण कार्य 83 फीसद पूर्ण कर लिया गया है । नवीन जिला कारागार का 86 फीसद काम पूरा है। शेष 14 फीसद काम तीन माह में पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने 176.77 करोड़ की लागत से सैफई में बन रहे 300 बेडेड गायनी अस्पताल का काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होने अर्बन डबलपमेंट, मास्टर प्लान सैफई पर भी काम शुरू करने के निर्देश दिए। यह परियोजना दो साल से बंद पड़ी थी।

सैफई मेडिकल यूनीवसिर्टी में टाइप-5 के 100 आवासों पर जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए ।

सपा का मानना है कि लंबित विकास योजनाओ को लेकर श्री योगी की विशेष रूचि का कारण समाजवादी वोटो मे सेंधमारी की कोशिश मात्र है वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मत है कि योगी सरकार सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र पर काम कर रही है और इसीलिए हर जिले की तरह सैफई की भी लंबित विकास योजनाओ को पूरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है।

सपा नेता और मैनपुरी के पूर्व सासंद तेजप्रताप सिंह यादव ने कहा कि सैफई की लंबित विकास योजनाओ को पूरा करने के पीछे मुख्यमंत्री का इमोशनल कार्ड प्रतीत नजर आ रहा है । सैफई की विकास योजनाए समय पर पूरा नही हो सकी है । लोगो के स्वास्थ्य से जुडी हुई जिन महत्वपूर्ण विकास योजाओ को 2018 मे पूरा हो जाना था वो 2021 आने को होने पर भी पूरा नही हो सकी है। सैफई मे स्टेडियमो को निर्माण हो चुका है लेकिन अभी तक इसको विभाग को हैंड ओवर नही किया गया है । राज्य की कई सीटो पर उपचुनाव होने वाला है ऐसे मे मुख्यमंत्री की घोषणा दिखावा मात्र ही नजर आ रही है।

पूर्व सासंद ने कहा कि श्री अखिलेश यादव ने इटावा के बीहडो मे विश्वप्रसिद्व लाइन सफारी का निर्माण करवाया लेकिन उसका शुभारंभ स्थानीय संस्थान की माफिक करा दिया गया जबकि सफारी की ओपनिंग इंटरनेशनल स्तर पर होनी चाहिए थी यह कुछ सवाल है जो मुख्यमंत्री की मंशा पर सवाल उठाते है।

पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव का कहना है कि वर्तमान योगी सरकार के कार्यकाल का आखिरी साल चल रहा है । ऐसे में मुख्यमंत्री योगी का सपा के गढ़ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गृहग्राम सैफई में रुकी हुई विकास योजनाओं को समय से पूरा करने के निर्देश देना और धन से की कमी के कारण रुकी योजनाओं के लिये धन जारी करना लोगो को आश्चर्यचकित कर रहा है।

एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाने वाले एक दल द्वारा दूसरे दल के नेता के क्षेत्र में विकास योजनाएं पूरी करना एक अच्छी राजनीतिक पहल है लेकिन लोग इसके अलग मायने निकाल रहे है । उनका मानना है कि मुख्यमंत्री योगी को इस बात का एहसास हो गया है कि 2022 में अब उनकी सरकार नही बनेगी और अखिलेश सरकार बनेगी और ऐसे में उनके क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यो पर रोक न लगे इसलिये वो सपा प्रमुख के क्षेत्र की विकास योजनाओं को गति देकर सहानभूति हासिल करना चाहते है।

इसके इतर भाजपा नेता और जसंवतनगर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रत्याशी मनीष यादव पतरे ने कहा “ हमारी जसवंतनगर विधानसभा मे विकास की जो योजनाएं पिछली सरकार में जो भी पूरी नही हो पाई । उस कार्य को योगी सरकार पूर्ण कर रही हैं । यह कदम स्वागत योग्यकदम है। यह कदम राजनैतिक तरीके से भी सही है क्योंकि भगवान श्री राम ने लंका विजय से पहले ही विभीषण का राज तिलक कर दिया था । उनका कहना है कि मुख्यमंत्री की नजर किसी के साथ भी भेदभाव की नही है इसीलिए सैफई की भी लंबित विकास योजनाओ को पूरा करने का निर्देश अधिकारियो को दिखा गया है।”

साल 2016 मे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने स्मार्ट विलेज सैफई के बहाने प्रधानमंत्री की स्मार्ट सिटी को चुनौती दे चुके है । उस समय अखिलेश यादव ने एक मेडिकल योजना की आधारशिला रखने के वक्त का कहा था कि भले ही देश मे स्मार्ट सिटी बनाये जाने की कवायत चल रही हो ऐसे मे अगर स्मार्ट गांव की बात करे तो सिर्फ सैफई हमारे गांव से बेहतर पूरे देश मे कोई गांव नही होगा। जिन अखिलेश यादव ने कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटी का मजाक अपने स्मार्ट विलेज के तौर पर किया हो उसी गांव की लंबित विकास योजनाओ को पूरा कराने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहरबानी के बाद राजनैतिक चर्चाए निश्चित ही शुरू होगी ही ।


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