योगी सरकार ने 10 महीनों में किसान हित में उठाए 10 महत्वपूर्ण कदम : शाही
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि योगी सरकार ने 10 महीनों के छोटे कार्यकाल में किसानों के हित, प्रगति और समृद्धि के लिए 10 महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि योगी सरकार ने 10 महीनों के छोटे कार्यकाल में किसानों के हित, प्रगति और समृद्धि के लिए 10 महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपए के कर्ज माफ कर देश में किसानों के हित में सबसे बड़ा फैसला करते हुए पैसे उनके खातों में भेज दिया है। इस कड़ी में किसानों से 37 लाख मीट्रिक टन की गेहूं की खरीद 1625 रुपये के समर्थन मूल्य और 10 रुपये अतिरिक्त देकर की गई है। इसके लिए 6 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान एक ह़फ्ते में किसान के खाते में करा कर खरीद और भुगतान के अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि अखिलेश सरकार के जमाने में चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 24 हजार करोड़ और इस चालू पेराई सीजन के 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करा नया इतिहास बनाया गया है।
कृषि मंत्री ने बताया कि आलू किसानों से पहली बार आलू 487 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदने के साथ ही आलू को 300 किमी से अधिक दूरी पर ले जाने पर 50 रुपये प्रति क्विंटल का अनुदान और मंडी शुल्क माफ कर एक नई शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि धान की 35 लाख मीट्रिक टन खरीद की गई है। इसके लिए हफ्तेभर में 5500 करोड़ का भुगतान कराया गया है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार के पूर्व सूबे में उड़द और मूंग की खरीद नहीं होती थी पर वर्तमान सरकार ने उड़द और मूंग की खरीद की है। इसके साथ ही एक साल से भी कम समय में 20 हजार किसानों को सोलर पम्प और उस पर 350 करोड़ रुपये अनुदान दिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 97 हजार 814 गांवों में वर्मी कल्चर यूनिट लगाई जा रही है। पहली बार प्रदेश में किसानों को बिना लाईन लगाये खाद बीज की उपलब्धता हो रही है। भाजपा सरकार के अलावा और कोई सरकार ऐसा नहीं कर पाई है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग ने रबी के फसल के लिए 4 लाख 25 हजार क्विंटल बीज 50 प्रतिशत सस्ते रेट पर बांटे हैं।
शाही ने कहा कि एक महीने में 102 करोड़ रुपये का अनुदान सीधे किसान के खाते में भेज कर नई कार्य संस्कृति पैदा की गई है।


