फ्लैट्स निवेशकों को राहत की तैयारी में यूपी की योगी सरकार
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नोएडा, ग्रेटर नोएडा में बिल्डर्स के फ्लैट्स में निवेश करने वालों को राहत देने की तैयारियों में जुटी हुई है

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नोएडा, ग्रेटर नोएडा में बिल्डर्स के फ्लैट्स में निवेश करने वालों को राहत देने की तैयारियों में जुटी हुई है। इसके लिए बिल्डर्स व सरकार के बीच वार्ता चल रही है और सभी चुनौतियों को हल करते हुए निवेशकों को उनके हक दिलवाए जाएंगे।
यह दावा उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने करते हुए किसी विशेष पैकेज से साफ इनकार कर दिया।
उन्होंने बताया कि जापान सरकार व जापान की बैंकों से उत्तर प्रदेश में भारी निवेश के प्रस्तावों पर सरकार ने हरी झंडी दे दी है और एक माह में विस्तृत रूपरेखा के बाद परियोजनाओं व उनके निवेश की सभी औपचारिताओं का खाका तैयार किया जाएगा।
जापान के नाकासाकी के उद्यमी उत्तर प्रदेश के नोएडा में भारी निवेश के साथ ही इंडो नाकासाकी क्यूश्यू बिजनेस सेंटर स्थापित करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने इसकी पुष्टिï करते हुए कहा कि जापान और भारत के बीच आपसी संबंधों को मजबूती प्रदान करते हुए उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाएं जताने के बाद अब यूपी सरकार ने आज इस बाबत एक समझौता किया है। उन्होंने बताया कि 18 जापानी बैंकों ने मेट्रो, रेलवे जैसी विभिन्न परियोजनाओं में निवेश के प्रति इच्छा जताई है और अब सरकार इसके बाद सभी क्षेत्रों की आवश्यकता, प्राथमिकता आदि को ध्यान में रखते हुए एक माह में इस पर कोई फैसला लेगी।
श्री महाना ने कहा कि सरकार इंडस्ट्रियल हब बनाने में इच्छुक हैं, जापानी बैंकों ने इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश में रूझान जताया है। नई शुरूआत है और जल्द ही इस पर एक खाका तैयार कर आगे बढ़ेंगे। सिलवरपीक द्वारा उत्तर प्रदेश में किए गए निवेश प्रस्ताव की बाबत आयोजित बैठक में विस्तारपूर्वक सभी पहलुओं पर चर्चा की गई।
बैठक में जापान के 18बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ साथ आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, नोएडा प्राधिकरन्ण के सीईओ आलेाक टंडन, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ देबाशीष पांडा तथा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण एसीईओ अमनरनाथ उपाध्याय अधिकारियों ने भी शिरकत की। इस अवसर पर ई ट्रैवल कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य जापान-भारत के बीच पर्यटन को बढ़ाना है।


