योगी सरकार ने जाट आरक्षण के मुद्दे पर कमेटी गठित की
उत्तर प्रदेश में जाटों को पिछड़ा वर्ग का आरक्षण जारी रखने अथवा बन्द करने के लिए अांकड़े जुटाने की मंजूरी उच्च न्यायालय से मिलने के बाद राज्य सरकार ने कमेटी गठित कर दी है।

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में जाटों को पिछड़ा वर्ग का आरक्षण जारी रखने अथवा बन्द करने के लिए अांकड़े जुटाने की मंजूरी उच्च न्यायालय से मिलने के बाद राज्य सरकार ने कमेटी गठित कर दी है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति राघवेंद्र कुमार की अध्यक्षता वाली कमेटी में रिटायर आईएएस अधिकारी जे पी विश्वकर्मा, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भूपेंद्र विक्रम सिंह और आजमगढ के अधिवक्ता अशोक राजभर शामिल है। यह कमेटी उच्चतम न्यायालय के राम सिंह मामले और मनवीर की याचिका पर दिए गए आदेशो के पालन में गठित की गयी है।
सरकार द्वारा कमेटी के गठन की जानकारी देने के बाद उच्च न्यायालय ने मनवीर की अवमानना याचिका निस्तारित कर दी है। न्यायालय ने कहा है कि यदि उचित समय के भीतर सरकार जाटों को आरक्षण जारी या समाप्त करने के सम्बन्ध में निर्णय नही ले लेती तो याची दुबारा अवमानना याचिका दायर कर सकता है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने दिया है। याची के अधिवक्ता अरविन्द कुमार मिश्र ने बहस की कि उच्चतम न्यायालय ने राम सिंह केस में जाटों को पिछड़ी जाति न मानते हुए उनको दिए जा रहे आरक्षण को समाप्त करने का निर्देश दिया है। इसी निर्णय के आधार पर मनवीर ने याचिका दाखिल कर मांग की कि प्रदेश में जाटों का पिछड़े वर्ग का आरक्षण बन्द किया जाय।
राज्य सरकार ने कहा कि उसके पास आंकड़े उपलब्ध नही हैं । इस पर अदालत ने डाटा इकट्ठा करने के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया और कहा सरकार निर्णय ले,केवल पेपर वर्क ही न किया जाय। इस आदेश का पालन न होने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी।


