Top
Begin typing your search above and press return to search.

दूसरे राज्यों से लौटे श्रमिकों को रोजगार देने की योजना में जुटी योगी सरकार

दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासियों के लिए योगी सरकार ने रोजगार देने की योजना पर काम शुरू कर दिया है

दूसरे राज्यों से लौटे श्रमिकों को रोजगार देने की योजना में जुटी योगी सरकार
X

लखनऊ। दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासियों के लिए योगी सरकार ने रोजगार देने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में दूसरे प्रदेशों से लौटे हुनरमंद और कर्मठ श्रमिकों के बूते उत्तर प्रदेश रेडिमेड गारमेंट, खाद्य प्रसंस्करण, गो आधारित उत्पाद, फूलों की खेती और फूलों से बनने वाले सह उत्पादों का हब बन सकता है।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को यहां अधिकारियों के साथ बैठक में प्रवासियों के लिए रोजगार योजना पर व्यापक चर्चा की है। उन्होंने कहा, "उप्र देश का पहला राज्य है, जिसने दूसरे प्रदेशों में रह रहे अपने श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी की शुरुआत की। मार्च के अंतिम हफ्ते से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से शुरू यह सिलसिला जारी है। अब तक विभिन्न राज्यों से ट्रेनों और बसों के जरिए करीब आठ लाख श्रमिक लाए जा चुके हैं। उम्मीद है कि कुल 20 लाख प्रवासी इस दौरान अपने घरों को लौटेंगे। इन सबको स्थानीय स्तर पर उनके हुनर के अनुसार रोजगार देने को हम प्रतिबद्घ हैं।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "इसके लिए दीर्घकालीन और अल्पकालीन दोनों तरह की योजनाएं सरकार के पास हैं। हर हालात में हम कोरोना जनित इस संकट को अवसर में बदलेंगे। इसके लिए हमने श्रम कानूनों में संसोधन भी किया है।"

योगी ने कहा, "पिछले तीन दिनों में 80 ट्रेनों से करीब सवा लाख प्रवासी श्रमिक उप्र पहुंच चुके हैं, 35 ट्रेनें रास्ते में हैं। अभी अगले कुछ दिनों तक रोज श्रमिकों को लेकर 35 से 40 ट्रेनें उप्र पहुंचेंगी। खाड़ी देशों से आज हवाई जहाज से आने वालों में भी सब अपने प्रदेश के श्रमिक एवं कामगार ही हैं।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "हर श्रमिक से क्वोरंटीन सेंटर में उसकी दक्षता की जानकारी ली जा रही है। सेहत की जांच में स्वस्थ पाए जाने वाले को 1,000 रुपये भरण-पोषण भत्ता और तय मात्रा में राशन के साथ होम क्वोरंटीन के लिए भेजा जा रहा है। संदिग्ध को क्वोरंटीन सेंटर पर ही आगे की जांच के लिए आइसोलेट कर दिया जा रहा है।"

उन्होंने कहा, "हमारी कार्ययोजना क्वोरंटीन पूरा करने वाले श्रमिकों को तुरंत काम देने की है। मनरेगा, ईंट भट्ठे, चीनी मिलें और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़ी इकाइयों में इनको समायोजित किया जा रहा है।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में ग्रेडिंग, प्रसंस्करण, पैकिंग, ट्रांसपोर्टेशन और विपणन के क्षेत्र में भारी संभावनाएं हैं। इसी तरह हम उप्र को रेडिमेड गारमेंट का भी हब बना सकते हैं। गोवंश के जरिए गो आधारित जैविक खेती, गो मूत्र और गोबर से बनने वाले उत्पादों और फूलों से बनने वाले इत्र, अगरबत्ती और उसके बचे हिस्से से कंपोस्ट की संभावनाओं को भी कल्टीवेट किया जाए।"

उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देने को प्रतिबद्घ है। सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए महिलाओं को हर संभावित क्षेत्र में समायोजित किया जाएगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it