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योगी ने दिया किसानों के हक में किए काम का ब्योरा, ठाकरे ने सुझाव

केंद्रीय कृषि मंत्रालय से इस संवाद के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 450 एफपीओ पहले से ही हैं और अब हर विकासंखड (कुल 825) में एक-एक एफपीओ बनाए जा रहे हैं

योगी ने दिया किसानों के हक में किए काम का ब्योरा, ठाकरे ने सुझाव
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नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा घोषित एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्च र फंड को लेकर विचार-विमर्श के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ गुरुवार को हुए संवाद के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार द्वारा किसानों के हक में किए गए कार्यों का ब्योरा पेश किया तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फसल बीमा व अन्य मसलों पर अपने सुझाव दिए। योगी ने कहा कि उप्र सरकार 'आत्मनिर्भर भारत पैकेज' को लेकर किसानों के हित में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी। केंद्रीय योजनाओं की उप्र में प्रगति की जानकारी देते हुए योगी ने कहा कि राज्य में 2.14 करोड़ से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि 1.44 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड पहले से थे और 12 लाख नए बनाए हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय से इस संवाद के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 450 एफपीओ पहले से ही हैं और अब हर विकासंखड (कुल 825) में एक-एक एफपीओ बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में 45 कृषि उत्पादों को मंडी शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। किसानों के लिए 30 दिनों तक भंडारण नि:शुल्क रखा गया है, उससे ज्यादा अवधि के लिए रखने पर शुल्क में 30 प्रतिशत छूट मिलेगी। 8.50 लाख मीट्रिक टन अनाज भंडारण के लिए कार्ययोजना बनाई गई है, जहां रखे अनाज पर किसान ऋण भी ले सकेंगे।"

मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार लाने और एफपीओ में सदस्यों की संख्या अधिकतम 100 रखने के सुझाव दिए।

ठाकरे ने कहा, "हमारे कृषि प्रधान देश में अन्नदाता की सुख-समृद्धि के सपने अब हकीकत में बदल रहे हैं, महाराष्ट्र भी इसमें सहभागी है। महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया है, लेकिन कर्ज मुक्ति एक प्राथमिक उपचार है। हमें किसान को उनके पैरों पर खड़े करने के लिए ठोस उपाय करने की जरूरत है। एक लाख करोड़ रुपये के एग्री इंफ्रा फंड सहित अन्य योजनाओं में इस तरह के प्रावधान हैं।"

उन्होंने राज्यों में किसानों की कमेटी बनाकर संवाद करने और केंद्र स्तर पर हर महीने बैठक करने का भी सुझाव दिया।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा घोषित एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रकचर फंड को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर मुख्यमंत्रियों और राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ लगातार संवाद कर रहे हैं। गुरुवार को भी आयोजित संवाद में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के अलावा कई राज्यों के कृषि एवं सहकारिता मंत्री शामिल हुए।

तोमर ने कहा, "सरकार का मकसद कृषि अधोसंरचना निधि के माध्यम से गांवों और खेतों तक निजी निवेश पहुंचाकर छोटे किसानों की भलाई करना है। फसल कटाई के बाद भंडारण, प्रसंस्करण जैसी स्थायी व्यवस्थाओं के लिए ही एक लाख करोड़ रुपये की राशि प्रधानमंत्री ने दी है।"

तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत महाराष्ट्र में भारी बारिश से प्रभावित 75 लाख किसानों को 5,000 करोड़ रुपये की भरपाई की गई है।

इस परिचर्चा में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री परुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे, तेलंगाना के कृषि मंत्री एस. निरंजन रेड्डी, राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और केरल के कृषि मंत्री वी.एस. सुनील कुमार ने भी अपने विचार रखे।


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