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योगी ने लखीमपुर खीरी और गोण्डा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोण्डा एवं लखीमपुर खीरी जिलों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का शुक्रवार को हवाई सर्वेक्षण किया

योगी ने लखीमपुर खीरी और गोण्डा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोण्डा एवं लखीमपुर खीरी जिलों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का शुक्रवार को हवाई सर्वेक्षण किया।

सर्वेक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने लखीमपुर खीरी में जिले के अधिकारियों के साथ बाढ़ के दृष्टिगत की गई तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने जिले में अब तक बाढ़ से निपटने के लिए की गयी तैयारियों का पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया।

श्री योगी ने निर्देश दिया कि जहां पर नदियां कृषि भूमि का कटान कर रही है और फसलें नष्ट हो रही हैं, वहां पर बैम्बू क्रेट लगाने में तेजी लायी जाए, जिससे कृषि भूमि को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में स्थापित की गईं बाढ़ चैकियां 24 घण्टे सक्रिय रहें। कटान के दृष्टिगत संवेदनशील स्थलों की सतत निगरानी की जाए। बाढ़ चौकियों पर पेट्रोमैक्स की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए।

मुुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अफसरों को निर्देशित किया कि वे धौरहरा तहसील के कटान से प्रभावित साहबदीन पुरवा तथा सरैयाकलां गांवों में कटान से निपटने के लिए अविलम्ब प्रभावी कार्रवाई करें।

उन्होंने निर्देशित किया कि जिले में बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारी, बाढ़ की समस्या कम होने तक, अवकाश पर नहीं जायेंगे। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को बाढ़ से निपटने के कार्यों में और अधिक तेजी लाये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस आपदा से निपटने के लिए जनपद को पर्याप्त धनराशि दी गई है। बाढ़ नियंत्रण व राहत कार्यों के सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।

श्री योगी ने कहा कि बाढ़गस्त क्षेत्रों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। यदि वह वहां से नहीं हटना चाहते तो उन्हें राहत सामग्री वहीं पर पहुंचायी जाए। समीक्षा बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें राहत सामग्री वितरित की।

श्री योगी ने गोण्डा की तहसील करनैलगंज के तहत एल्गिन-चरसड़ी बंधे का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पाल्हापुर राहत केन्द्र पर बाढ़ पीड़ितों से मिलकर प्रभावितों का हालचाल पूछा और बाढ़ पीड़ितों को स्वयं राहत सामग्री बांटी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र करनैलगंज में एक महीने के अन्दर मुख्यमंत्री ने दोबारा पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और राहत सामग्री का वितरण किया। राहत कैम्प में कुल 35 बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री प्रदान की गई।

इस मौके उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार प्रभावित होने वाले लोगों को त्वरित राहत पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है । बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक बाढ़ प्रभावित को राहत उपलब्ध कराने के साथ-साथ आवश्यक मदद उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आपदाग्रस्त लोगों के लिए हर सम्भव सहायता तत्काल उपलब्ध कराने के लिए प्रबन्ध किये गये हैं।

उन्होने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बाढ़ बचाव व राहत कार्यों में कोताही कतई न हो तथा पीड़ितों को हर सम्भव मदद मुहैया करायी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राहत शिविरों में विस्थापितों को हर प्रकार की राहत सामग्रियां दी जाए। इसके साथ ही राहत कैम्पों में जीवनरक्षक दवाओं के साथ अन्य आवश्यक दवाओं, भोजन, पेयजल, जानवरों के लिए चारा इत्यादि की उपलब्धता प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों तथा विभिन्न संगठनों द्वारा राहत कार्य में दिए जा रहे सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि वे सब मिलकर आपदा पीड़ितों को राहत पहुंचाने में और अधिक सहयोग करें। एल्गिन-चरसड़ी अस्थाई बांध के कटने पर उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस समस्या से स्थाई निजात मिलेगी।


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