विश्व हृदय रोग दिवस के अवसर पर लोगो को दिया योग का प्रशिक्षण
यशोदा हॉस्पिटल नेहरु नगर, गाजियाबाद द्वारा विश्व हृदय रोग दिवस के अवसर पर एक विशाल योग शिविर का आयोजन किया गया
गाजियाबाद। यशोदा हॉस्पिटल नेहरु नगर, गाजियाबाद द्वारा विश्व हृदय रोग दिवस के अवसर पर एक विशाल योग शिविर का आयोजन किया गया। 5 योग शिक्षकों ने 500 से भी ज्यादा लोगों को योग के माध्यम से अपने हृदय को सुचारु एवं स्वस्थ रखने के लिए योग का प्रशिक्षण दिया, इस योग शिविर के प्रतिभागियो को योग संरक्षण एवं प्रोत्साहन स्वरुप योग मैट मुफ्त प्रदान की गई।
29 सितम्बर को प्रात: 6 बजे से आरम्भ हुए इस योग शिविर का आयोजन यशोदा हॉस्पिटल नेहरु नगर परिसर एवं फ्रंट लॉन में किया गया। योग शिविर में हृदय रोगियों, मधुमेह रोगियों, उच्च रक्तचाप रोगियों व 40 साल से अधिक उम्र के लोगों ने इस योग कैम्प में पहुंच कर स्वस्थ हृदय के लिए योग सीखा।
डा. रजत अरोड़ा, हृदय रोग विशेषज्ञ ने बताया कि योग अपनी सांसों पर ध्यान देते हुए विभिन्न मुद्राओं में रहने की कला है। परिणामस्वरुप प्रत्येक योगासन का हमारे स्वसन तन्त्र पर विशेष प्रभाव पड़ता है, जिससे हमारा हृदय भी प्रभावित होता है।
डा. रजत अरोड़ा ने कहा कि विश्व भर में हृदय रोग से पीड़ित लोग अपने बचाव के लिए सब कुछ करने के बाद भी जीवन बचाने में असमर्थ रहते हैं।
योग के दैनिक जीवन में प्रयोग से हृदय रोग से बचना संभव है। हृदय को प्राप्त रक्त संचार कम होने से वह आगे रक्त प्रसारण करने में असमर्थ होकर कार्य रोकता है और हृदयाघात होता है। धमनियों में मोटे रक्त (अधिक कोलेस्ट्रॉल) का संचार रुप से नहीं होना इसका प्रमुख कारण है।
चयाचप (मेटाबोलिज्म) हमारे शारीरिक परिश्रम और दैनिक जीवन में प्रप्त भोजन पर निर्भर करता है। आधुनिक जीवन में शारिरिक परिश्रम करने की आवश्यकता नहीं होती और भोजन में अधिक मात्रा में वसा, प्रोटीन व कार्बोज की मात्रा बढ़ती जाती है। 25 से 30 साल की आयु में इसकी जांच रक्त परीक्षण (लिपिड प्रोफाइल) प्रति वर्ष कराना चाहिए। इसके साथ ही दैनिक जीवन में योग करना चाहिए जिससे चयाचप सामान्य रहे।
योगाभ्यास से हृदय-फेफड़ो की मांसपेशियों लोचदार रहने से हृदय में रक्त संचार सहज होता है। योगाभ्यास से यह लोज चौबीस घंटे रहता है क्योंकि योग में शरीर गर्म नहीं किया जाता तथा शरीर के सामान्य तापमान पर ही दैनिक योगाभ्यास से लचीलापन आता है। यह अन्य व्यायाम की विध्या में संभव नहीं है। इस कैंप का उद्घाटन यशोदा हॉस्पिटल के चेयरमैन डा. दिनेश अरोरा एवं डा. शशि अरोरा ने किया।


