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योग नगरी में 30 से अधिक देशों के साधकों ने किया योगाभ्यास

प्राचीनकाल से योग के लिये पहचाने जाने वाले उत्तराखंड स्थित ऋषिकेश में भारतीय ही नहीं, अपितु विदेशी साधकों ने भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग अभ्यास किया

योग नगरी में 30 से अधिक देशों के साधकों ने किया योगाभ्यास
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ऋषिकेश। प्राचीनकाल से योग के लिये पहचाने जाने वाले उत्तराखंड स्थित ऋषिकेश में भारतीय ही नहीं, अपितु विदेशी साधकों ने भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग अभ्यास किया।

आज ऋषिकेश के अधिकांश आश्रमों और शैक्षिक संस्थानों में वर्षों से संचालित योग प्रशिक्षण शिविरों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक अद्भुत उत्साह रहा। परमार्थ निकेतन में इस अवसर पर 30 से अधिक देशों के 540 योगाचार्यों एवं योग जिज्ञासुओं ने योग, ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास वेद मंत्रों के साथ किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ साध्वी भगवती सरस्वती ने ध्वजारोहण से किया। इसके बाद राष्ट्रगान के साथ योगाभ्यास शुरू हुआ। जबकि विश्व ग्लोब के जलाभिषेक के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। योग दिवस कार्यक्रम में भारत सहित ब्राजील, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, अमेरिका, स्पेन, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, मैक्सिको, अर्जेटीना, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, नार्वे, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, जर्मनी, कनाडा, इक्वाडोर और तुर्की आदि देशों के योग साधकों ने सहभाग किया।
परमार्थ निकेतन की योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती ने वेद मंत्रों के साथ योग, ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास कराया। विश्व के अनेक देशों से आये योग के राजदूतों को साध्वी भगवती सरस्वती ने पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

सत्व वेलनेस सेंटर, योगाचार्य आनन्द मेहरोत्रा ने कहा कि ’योग वह तकनीक है जिससे आप जीवन में शान्ति को प्राप्त कर सकते है। योग जीवन को जीने की एक सुव्यस्थित पद्धति है। योग वह सुप्रीम टेक्नोलाॅजी है जिसके माध्यम से हम ग्लोबल स्तर पर सतत विकास और शान्ति की स्थापना कर सकते है।

मुनि संयमरत्न विजय ने योग के आठ अंगों को सहज रूप से समझाते हुये यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और फिर समाधी पर गूढ़ प्रकाश डाला। लामा खेन्पो शेराब ने कहा कि हम आज यहां पर योग दिवस के माध्यम से डे आॅफ यूनिटी, डे आॅफ यूनियन को सेलिब्रेट कर रहे है जिसके माध्यम से हम मन और शरीर को अलग-अलग कर देख सकते है। वास्तव में योग एक अद्भुत विज्ञान है।

इस अवसर पर परमार्थ निकेतन में एलेक्जेंड्रा, वेस्टरबीक चीफ़ कम्युनिकेशन एडवोकेसी आॅफ पार्टनशीप -यूनिसेफ इण्डिया, अमृता सिंह, यूनिसेफ इण्डिया, सत्व वेलनेस सेंटर, योगाचार्य आनन्द मेहरोत्रा, सीमा डेण्टल काॅलेज के विद्यार्थी, परमार्थ निकेतन के आचार्य संदीप शास्त्री, ऋषिकुमार परमार्थ गुरूकुल, आरोग्य योग स्कूल आचार्य रजनीश एवं विद्यार्थी, आदि योगी पीठ, आचार्य सुमित एवं विद्यार्थी, ओम शान्ति ओम आचार्य दिनेश एवं विद्यार्थी, शिव योगपीठ आचार्य सिद्धार्थ एवं विद्यार्थी, अक्शी योगशाला आचार्य विवेक एवं विद्यार्थी, एकत्व योग/हरि योग आचार्य कल्पेन्द्र एवं विद्यार्थी, आत्म योग शाला आचार्य अमित एवं विद्यार्थी, समत्वा योगशाला आचार्य नटवर एवं विद्यार्थी, हरिओम योगशाला के आचार्य हरिओम, एकम्योग शाला योगाचार्य प्रीति एवं विद्यार्थी, योग आनन्दम् आचार्य मनीष एवं विद्यार्थी, अजय गुप्ता, अनेक योगाचार्यो एवं योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया।

इसके अतिरिक्त, त्रिवेणी घाट और आइडीपीएल परिसर में आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रम का भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और उत्तराखंड प्रभारी श्याम जाजू ने दीप प्रज्ज्वलित कर, शुभारंभ किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि योग के माध्यम से आत्मिक संतुष्टि, शांति और ऊर्जावान चेतना की अनुभूति प्राप्त होती है। इससे हमारा जीवन तनाव मुक्त तथा हर दिन सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढता है।

जाजू ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति की प्राचीनतम पहचान है। संसार की प्रथम पुस्तक ऋग्वेद में कई स्थानों पर योग की क्रियाओं के विषय में उल्लेख मिलता है।
इस अवसर पर उत्तराखंड विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, प्रदेश संगठन मंत्री नरेश बंसल, रूप से उपस्थित रहे।


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