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मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर योगाभ्यास, बड़ी संख्या में शामिल हुए पर्यटक

विश्व योग दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर भी योगाभ्यास का कार्यक्रम आयोजित किया गया

मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर योगाभ्यास, बड़ी संख्या में शामिल हुए पर्यटक
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भोपाल। विश्व योग दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर भी योगाभ्यास का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन में पर्यटकों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पर्यटन विभाग ने प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सामूहिक योगाभ्यास कर स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया।

इन सभी स्थलों पर “योग संगम” का आयोजन किया गया। योग के वैश्विक महत्व को बढ़ावा देने और नागरिकों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोजित योग संगम में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों, स्कूली विद्यार्थियों और नागरिकों ने हिस्सा लेकर योग साधना की।

प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सामूहिक योगाभ्यास के कार्यक्रम हुए। धार जिले के मांडू, ग्वालियर किला, अशोकनगर के चंदेरी, मुरैना के पड़ावली, अनूपपुर जिले के अमरकंटक, रायसेन जिले के भीमबेटका और सांची में योगाभ्यास हुआ, तो राजधानी भोपाल के केरवा, विंड एंड वेव्स, कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, उमरिया जिले के बांधवगढ़, छतरपुर जिले के खजुराहो-पश्चिमी मंदिर समूह, निवाड़ी जिले के ओरछा कंचना घाट में योगाभ्यास किया गया।

इसी तरह जबलपुर के भेड़ाघाट, उज्जैन के महाकाल लोक, इंदौर के राजवाड़ा, खंडवा जिले के ओंकारेश्वर एकात्म धाम और नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी धूपगढ़ में “योग संगम” के माध्यम से मध्य प्रदेश ने यह संदेश दिया कि योग केवल आत्मिक और शारीरिक संतुलन का माध्यम ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और पर्यटन को बढ़ावा देने का भी प्रभावशाली साधन है।

पर्यटन एवं संस्कृति के प्रमुख सचिव तथा मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित इस वर्ष की थीम "एक पृथ्वी एवं एक स्वास्थ्य" के लिए योग है, जो योग के समग्र लाभों और वैश्विक कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हमारा प्रयास है कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल योग के महत्व को उजागर किया जाए, बल्कि मध्य प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में भी बढ़ावा दिया जाए।

पर्यटन विभाग का मानना है कि प्रदेश के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थलों से दिया गया योग का संदेश न केवल नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करता है, बल्कि इन स्थलों की वैश्विक पहचान को भी सशक्त करता है। यह आयोजन पर्यटन और योग का सुंदर समागम बनकर उभरा है।


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