येचुरी ने पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लोकतंत्र की हत्या बताया
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में आज हुई व्यापक हिंसा के पीछे पुलिस और तृणमूल की मिलीभगत होने का आरोप लगाते हए इसकी कड़ी भर्त्सना की है

नयी दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में आज हुई व्यापक हिंसा के पीछे पुलिस और तृणमूल की मिलीभगत होने का आरोप लगाते हए इसकी कड़ी भर्त्सना की है और कहा है कि राज्य में संवैधानिक एवं कानून- व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गयी है।
पार्टी ने यह भी कहा है कि अगर राज्य में इस तरह हिंसा नहीं होती और उनके उम्मीदवारों को धमका डराकर नामांकन पत्र दाखिल करने से रोका नहीं गया होता तो उनकी पार्टी पंचायत चुनावों में आधी सीटें जरूर जीतती।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज यहां पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पंचायत चुनाव में हिंसा को लोकतंत्र की हत्या बताया और कहा कि उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय द्वारा शांतिपूर्ण चुनाव करने के निर्देश के बावजूद कानून व्यस्था एवं संवैधानिक व्यवस्था ठप हो गयी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करती है,श्री येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी संविधान के अनुच्छेद 356 को लागू किये जाने की पक्षधर नहीं रही है लेकिन राज्य में ही नहीं पूरे देश में इस हिंसा का मुंह तोड़ जवाब लोकतान्त्रिक तरीके से दिया जायेगा। इसके लिए विरोध प्रदर्शन एवं रैलियां आयोजित की जायेंगी जिसमें जनता की भागीदारी देगी तथा आज से विरोध प्रदर्शन की प्रक्रिया शुरू हो गयी हैं एवं कोलकत्ता में बड़ा मार्च निकला है।
माकपा नेता ने प्रेस कांफ्रेंस में पंचायत चुनाव में मरे गए एक वाम दम्पती की तस्वीरें भी मीडिया को दिखाई और कहा कि पंचायत चुनाव में पत्रकार ही नहीं चुनाव कर्मचारी भी हिंसा के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य चुनाव आयोग भी मूकदर्शक बना हुआ है और तृणमूल प्रशासन तथा चुनाव आयोग का भेद मिट गया है।
उन्होंने कहा कि वह पहले से कहते रहे हैं कि तृणमूल चुनाव में हिंसा का इस्तेमाल करेगा और अब यह साबित हो गया, यहां तक कि उच्च न्यायलय ने अपने आदेश में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराने की बात कही थी लेकिन उसके आदेशों का भी पालन नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 34 प्रतिशत निर्विरोध चुनी गयी सीटों के परिणाम तीन जुलाई तक घोषित करने पर रोक लगाया है क्योंकि उस दिन मामले की अदालत में सुनवाई है।
यह कहे जाने पर कि तृणमूल ने कहा है कि पंचायत चुनाव में इस बार हिंसा पिछले चुनाव से कम हुई है येचुरी ने कहा कि अव्वल तो वह पिछले चुनाव में इतनी हिंसा होने के इस आरोप को स्वीकारते नहीं लेकिन हम यह जानना चाहते हैं, क्या एक हिंसा के जवाब में दूसरी हिंसा को जायज़ ठहराया जा सकता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या अगर इतने पैमाने पर हिंसा नहीं होती तो पंचायत चुनाव में उनका कैसा प्रदर्शन होता ,श्री येचुरी ने कहा कि 58 हज़ार पंचायत सीटों में से आधी तो उनकी पार्टी जरुर जीत जाती।


