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बिल्डरों को लेकर यमुना प्राधिकरण सख्त

 नोएडा व ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कराने के लिए एजेंसी नियुक्ति किया है

बिल्डरों को लेकर यमुना प्राधिकरण सख्त
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ग्रेटर नोएडा। नोएडा व ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कराने के लिए एजेंसी नियुक्ति किया है। जिस पर दोनों प्राधिकरण करीब 32 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रहे हैं। एजेंसी नियुक्ति करने के बाद भी दोनों प्राधिकरणों में बिल्डरों के प्रोजेक्टों का ऑडिट पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कराने में किसी भी एजेंसी का सहारा नहीं लिया है।

प्राधिकरण खुद अपने स्तर पर प्रोजेक्ट का ऑडिट करा रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण अभी तक करीब 16 बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कर चुका है। यमुना प्राधिकरण में कुल 28 बिल्डरों के प्रोजेक्ट है। प्राधिकरण ने अभी तक जिन 16 बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कराया है उसमें दो बिल्डरों के पैसे के लेनदेन में 181 करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। जिसमें एक बिल्डर पर 143 करोड़ रुपए व दूसरे बिल्डर पर 38 करोड़ रुपये की गड़बड़ी मिली है।

प्राधिकरण इन दोनों बिल्डरों से पूरी जानकारी इकट्ठा कर रहा है कि अब तक उसने फ्लैट बुक कराया और निवेशकों से लिया गया पैसा कहा गया। सोमवार को दिल्ली में मंत्रीय समूह की हुई बैठक में प्राधिकरण की तरफ से पूरा इसका ब्यूरो रखा गया। प्राधिकरण की तरफ से आश्वासन दिया गया दोनों बिल्डरों लेनदेन की जानकारी इकट्ठा की जा रही है, इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

प्राधिकरण 31 तक मंत्रीय समूह को सौंप देगा रिपोर्ट

प्राधिकरण की तरफ से मंत्रीय समूह का आश्वासन दिया गया कि 31 दिसम्बर तक सभी बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कराने के बाद रिपोर्ट सौंप देंगे। इसी तरह शासन के आदेश पर तीनों प्राधिकरण लैंड बैंक की भी ऑडिट कर रहे हैं। नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण लैंड बैंक की ऑडिट भी बाहरी एजेंसी से करा रहे हैं, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण लैंड बैंक की ऑडिट भी खुद करा रहा है।

यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के सीईओ डा. अरूणवीर सिंह ने कहा कि लैंड ऑडिट का काम भी ज्यादातर पूरा हो गया है, इसकी रिपोर्ट को 31 दिसम्बर तक सौंप दी जाएगी। मंत्रीय समूह की बैठक में नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने साफ तौर से कहा दिया कि बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कराने में अभी दो माह का समय लग सक सकता है। ग्रेटर नोएडा में अभी तक एजेंसी ने बिल्डरों के प्रोजेक्ट का पूरी तरह से ऑडिट भी शुरू नहीं किया है।

इस पर मंत्रीय समूह ने दोनों प्राधिकरण के अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की है। नोएडा व ग्रेटर नोएडा के आधिकारियों ने दिसम्बर तक 32 हजार फ्लैट देने का वादा कर पाए। नोएडा प्राधिकरण ने 11 हजार, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 14 हजार व यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने 7500 फ्लैट पर कब्जा देने का एक प्रपोजल तैयार मंत्रियों के समक्ष रखा। इस पर मंत्रियों ने सबसे ज्यादा ग्रेनो प्राधिकरण अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने साफ तौर से कहा कि हर हाल में 50 हजार निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा देना होगा, इसमें किसी प्रकार की बहानेबाजी नहीं चलेगी।

ग्रेनो प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि आठ बिल्डर कब्जा देने में आनाकानी कर रहे है, मंत्रियों ने साफ तौर से कहा था कि ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उनके साथ बैठक कर दिसम्बर तक फ्लैट पर कब्जा देने के लिए कहा जाए। अगर वे नहीं दे पाते है तो उनके खिलाफ कार्रवाई कर मामला दर्ज कराया जाए।


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