यमुना प्राधिकरण ने 21 हजार आबंटियों को दी जीरो पीरियड की सौगात
पांच साल से 21 हजार आबंटी भूखंड पर कब्जा मिलने का इंतजार कर रहे हैं
ग्रेटर नोएडा। पांच साल से 21 हजार आबंटी भूखंड पर कब्जा मिलने का इंतजार कर रहे हैं। आबंटियों को ब्याज समेत किश्त जमा करने के बाद भी भूखंड पर कब्जा नहीं मिल पा रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ऐसे 21 हजार आबंटियों को बड़ी राहत है। 2013 से 2016 तक यानि तीन साल तक उन्हें जीरो पीरियड का लाभ दिया गया है। आबंटियों को तीन साल तक कोई किश्त व ब्याज नहीं वसूला जाएगा।
अगर किसी ने जमा कर दिया है तो भूखंड पर कब्जा मिलने के दौरान जमा पैसा उसमें समाहित कर लिया जाएगा। साथ प्राधिकरण से एसडीएस बिल्डर के 250 निवेशकों को भी राहत देते हुए दो साल तक मकान निर्माण को छूट दे दी है उनसे कोई बिल्डर कोई जुर्माना नहीं वसूला सकता है। निवेषकों के बजाय प्राधिकरण यह जुर्माना अब बिल्डर से वसूल करेगा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास की सोमवार हुई 61वीं बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया है।
प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि 2009 में सेक्टर-18 व 20 में 21 हजार भूखंडों की योजना निकाली गई थी। आबंटियों को 2013 में भूखंड पर कब्जा देने का वादा किया गया था। किसी कारण बस अभी तक आबंटियों को कब्जा नहीं मिल पाया। ऐसे में प्राधिकरण बोर्ड ने फैसला लिया है कि 2013 से 2016 तक आबंटियों से कोई ब्याज व किश्त न वसूला उसे जीरो पीरियड माना जाए। प्राधिकरण इस फैसले से 13 हजार डिफाल्टर आबंटियों को सीधे लाभ मिला है। आबंटियों को अब भूखंड पर कब्जा मिलने पैसा जमा करना होगा। अगर किसी आबंटी ने तीन साल के दौरान पैसा जमा कर दिया है तो उसे आगे के भुगतान भी समाहित कर लिया जाएगा।
अध्यक्ष ने बताया कि प्राधिकरण ने सेक्टर-Ó17 ए में एसडीएस बिल्डर को भूखंड आबंटित किया था। बिल्डर के यहां करीब 250 निवेषकों से भूखंड बुक कराया था। निवेशकों को 2017 तक मकान का निर्माण करना था। निर्माण न करने पर उस पर जुर्माना लगाया जा रहा था। बिल्डर अभी तक वहा सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाया है, ऐसे में प्राधिकरण ने निवेशकों को मकान निर्माण के लिए बिना जुर्माना के दो साल का समय दिया है। निवेषकों पर जो जुर्माना बनता है प्राधिकरण वह बिल्डर से वसूल करेगा। अगर निवेशकों से जुर्माना वसूल करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
प्राधिकरण लाएगा कई योजना
प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि चार हजार वर्गमीटर से कम क्षेत्रफल के औद्योगिक भूखंडों की योजना निकाली जाएगी। निर्मित दुकान, शोरूम, कार्यालय आदि के लिए वाणिज्यिक योजना अगले माह आएगी। लेफ्ट आउट निर्मित मकानों की योजना भी लाई जा रही है। मिक्स लैण्ड यूज की योजना लाने पर प्राधिकरण तैयारी कर रही है। ईजी आफ डोइंग बिजनेस के तहत चार हजार वर्गमीटर से बड़े भूखंड का आबंटन वैकल्पिक श्रेणी के तहत किया जाएगा। औद्योगिक भूखंडों के ब्रोशर में यह शर्त शामिल होगा। जिसमें स्थानीय युवक व युवतियों को 20 फीसदी रोजगार देने की अनिवर्यता शामिल होगा।
जेवर तक किया जाएगा सर्विस लेन का निर्माण
यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने एक्सप्रेस-वे के बराबर जेवर तक 60 मीटर चौडी सर्विस लेन का निर्माण करने का निर्णय लिया है। पहले प्राधिकरण ने आवासीय सेक्टर-18 व 20 तक सर्विस लेन निर्माण का निर्णय लिया था। अब सर्विस लेन 26 किलोमीटर से बढ़कर 36 किलोमीटर लंबा हो जाएगा।
किसानों को दिया जाएगा अंतर मुआवजा का लाभ
प्राधिकरण अध्यक्ष ने बताया कि 60 मीटर चौड़ी सड़क निर्माण के लिए भाईपुर ब्रहमान, मोहम्मदपुर खेड़ा, मेहंदीपुर बांगर, तिरथली, करौली बांगर पांच गांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। उस समय इन गांव के किसानों को 227.60 रुपए प्रति वर्गमीटर अंतर धनराशि का भुगतान करने का निर्णय लिया गया है। किसानों को मुआवजा लेने के साथ जमीन पर कब्जा देना होगा, और शपथ पत्र देना होगा कि विकास कार्य में किसी प्रकार की बाधा नहीं पैदा करेंगे। साथ ही जिन किसानों को ट्रयूबवेल, पेड़ आदि का मुआवजा नहीं मिला था उसे भी दिया जाएगा।


