यादव सिंह के बेटे व दो बेटियां कोर्ट में हुए पेश
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में आरोपी नोएडा के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह के बेटे और दोनों बेटियां गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत में हाजिर हुए

गाजियाबाद। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में आरोपी नोएडा के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह के बेटे और दोनों बेटियां गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत में हाजिर हुए। तीनों की ओर से जमानत के लिए अधिवक्ता ने संयुक्त रूप से जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। साथ ही उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति भी अदालत में पेश की। विशेष अदालत ने तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार अर्जी खारिज होने के बावजूद तीनों को एक माह तक गिरफ्तारी से राहत दी गई।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी की अदालत में गुरुवार को पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह के आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुनवाई हुई। विशेष अदालत से पिछली तारीख से सम्मन जारी होने के कारण आरोपी यादव सिंह के बेटे और शादीशुदा दोनों बेटियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। आरोपी बेटे सनी यादव और बेटियों गरिमा भूषण और करुणा सिंह ने गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उच्चतम न्यायालय से 14 मार्च के आदेशानुसार तीनों को राहत मिल गई।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता जेपी शर्मा ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश में तीनों आरोपी को 15 मार्च को अदालत में पेश होने को कहा गया। साथ ही निचली अदालत को आदेशित किया गया कि तुरंत ही तीनों के जमानत प्रार्थना पत्र का निस्तारण किया जाए। निस्तारण की तारीख से एक माह तक सीबीआई आरोपियों को गिरफ्तार न करें। आदेशानुसार गुरुवार दोपहर तीनों आरोपी विशेष अदालत में पेश हुए।
इसके बाद संयुक्तजमानत प्रार्थनापत्र अदालत में पेश किया गया। अदालत ने संयुक्त प्रार्थना पत्र को निस्तारित कर दिया। अब अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी। सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित के मामले में नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने 30 जुलाई 2015 को पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह, उसके बेटे सनी यादव, दो बेटियों गरिमा भूषण और करुणा सिंह, बहू श्रेष्ठा सिंह, सीए मोहन लाल राठी और उनके व्यापारिक सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
गरिमा भूषण के पति आईएएस अधिकारी हैं। बेटे की शादी चूंकि बाद में हुई थी, इसलिए अदालत ने श्रेष्ठा सिंह को राहत दे दी थी। विवेचना के बाद विशेष अदालत में 26 सितम्बर 2017 में आरोप पत्र पेश किया था। आरोप पत्र में उनकी तीन फर्म मैसर्स कुसुम गारमेंट प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स केएस अल्ट्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स हिचकी क्रिएशंस प्राइवेट लिमिटेड व पीजीपी चैरिटेबल ट्रस्ट का भी नाम शामिल है। कुसुमलता सिंह अभी तक कोर्ट में हाजिर नहीं हुई हैं।
512.66 फीसदी अधिक संपत्ति मिली
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सीबीआई ने एक अप्रैल 2004 से 04 अगस्त 2015 तक की अवधि में यादव सिंह व उसके परिवार के सदस्यों की चल-अचल संपत्ति की जांच की।
सीबीआई की विवेचना में इंजीनियर यादव सिंह व उसके परिवार के सदस्यों की करीब 23 करोड़ 15 लाख 41 हजार 514 रुपये की अघोषित परिसंपत्तियों के बारे में जानकारी मिली थी। आय के ज्ञात स्रोतों के अनुसार उपरोक्त सभी की आय चार करोड़ 51 लाख 64 हजार 232 रुपये होनी चाहिए थी। आरोपितों की आय ज्ञात स्रोतों से 512.66 फीसदी ज्यादा पाई गई।


