पहलवान बजरंग, विनेश ने हरियाणा सरकार की नगद इनाम नीति की आलोचना की
एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रचने वाले पहलवान बजरंग पुनिया और महिला पहलवान वीनेश फोगाट अपने राज्य हरियाणा की सरकार की नई नगद इनाम नीति की आज कड़ी आलोचना की

चंडीगढ़ । एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रचने वाले पहलवान बजरंग पुनिया और महिला पहलवान वीनेश फोगाट अपने राज्य हरियाणा की सरकार की नई नगद इनाम नीति की आज कड़ी आलोचना की और इस फैसले को राज्य में खेलों को खत्म करने का प्रयास करार दिया।
बजरंग ने ट्वीट किया, "जब आप खिलाड़ी को पुरस्कार देने की बात करते हैं तो आप पैसा नहीं, आप समर्थन देने का वादा करते हैं।"
उन्होंने लिखा, "अगर अपना वादा पूरा नहीं कर सकते तो आपसे कोई खिलाड़ी कैसे भविष्य में कोई उम्मीद रखेगा।"
जब खिलाड़ीयो को आप पुरस्कार का वायदे करते है तब ऊन खिलाड़ीयो को आप ने पैसे का लालच नहीं बल्कि खिलाड़ियों का साथ देने का वायदा करते हैं । अगर आप अपने किये वायदे को पूरा नहीं कर सकते तो फिर भविष्य मे कोई भी खिलाड़ी आप से किस बात की उम्मीद रखें!@anilvijminister @mlkhattar pic.twitter.com/CxX7JK9Ez1
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) June 26, 2019
बजरंग का बयान राज्य सरकार की नई नीति को लेकर आया है जिसके मुताबिक, अगर एक खिलाड़ी वित्तीय वर्ष में एक से ज्यादा पदक जीतता है तो उसे उसके द्वारा जीते गए सर्वोच्च पदक के लिए आवंटित की गई पूरी राशि मिलेगी लेकिन दूसरे व इसके बाद के पदकों के लिए 50 फीसदी राशि ही मिलेगी।
खिलाड़ियों का मानना है कि सरकार द्वारा राशि का कम करना, उसके वादा पूरा नहीं करने को उजागर करता है।
बजरंग के समर्थन में वीनेश फोगाट ने ट्वीट किया, "मैं हरियाणा सरकार से अपील करती हूं कि आप अपना पैसा वापस ले लीजिए। खिलाड़ी को अपनी राजनीति के अखाड़े में खड़ा कर उन्हें बेइज्जत नहीं कीजिए।"
इन दोनों के अलावा कई अन्य खिलाड़ियों ने भी इसका विरोध किया है, लेकिन राज्य के खेल मंत्री अनिल विज अपनी नीति पर कायम हैं।
उन्होंने मीडिया से कहा, "पुरस्कार खेल नीति के हिसाब से ही दिए जाएंगे। हमने पहले ही साफ कर दिया है कि अगर किसी खिलाड़ी को पुरस्कर की राशि को लेकर किसी तरह की समस्या है तो वह हमसे सीधे बात कर सकता है।"


