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यूएनजीए में बोले जेलेंस्की, 'अंतर्राष्ट्रीय कानून नहीं, अब हथियार तय करते हैं कि कौन बचेगा'

संयुक्त राष्ट्र महासभा यानि यूएनजीए में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने सुरक्षा की गारंटी का मुद्दा उठाया

यूएनजीए में बोले जेलेंस्की, अंतर्राष्ट्रीय कानून नहीं, अब हथियार तय करते हैं कि कौन बचेगा
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न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा यानि यूएनजीए में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने सुरक्षा की गारंटी का मुद्दा उठाया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के दूसरे दिन की कार्यवाही के दूसरे स्पीकर के तौर पर जेलेंस्की ने शांति और सुरक्षा की बात करते हुए दावा किया कि शांति अंतर्राष्ट्रीय कानून नहीं बल्कि हथियार तय करते हैं।

जेलेंस्की ने कहा, "आप भी उतनी ही सुरक्षा और शांति चाहते हैं जितनी आज हम (यूक्रेन) चाहते हैं। सुरक्षा की गारंटी हमारे (यूक्रेन) अलावा कोई नहीं दे सकता। केवल मजबूत गठबंधन, केवल मजबूत साझेदार और केवल हमारे अपने हथियार... 21वीं सदी अतीत से बहुत अलग नहीं है। अगर कोई राष्ट्र शांति चाहता है तो उसे अभी भी हथियारों पर काम करना होगा। अंतर्राष्ट्रीय कानून नहीं, सहयोग नहीं—बल्कि हथियार तय करते हैं कि कौन बचेगा।"

उन्होंने आगे कहा, "फिलिस्तीन, सोमालिया और सूडान में जो कुछ हुआ उसे रोकने में कोई भी एक अंतरराष्ट्रीय संस्था सामने नहीं आई जिससे किसी भी आक्रमण को वास्तव में रोका जा सके।"

गाजा का जिक्र कर अंतर्राष्ट्रीय संगठन को निशाने पर लेते हुए उन्होंने आगे कहा, "सूडान, सोमालिया, फिलिस्तीन या दशकों से युद्ध झेल रहा कोई भी अन्य संयुक्त राष्ट्र या वैश्विक व्यवस्था से क्या उम्मीद कर सकता है, सिर्फ बयानों और बयानों के अलावा? इतने सारे बदलावों के बाद भी, सीरिया को अपनी अर्थव्यवस्था को चौपट कर रहे प्रतिबंधों में ढील देने के लिए दुनिया से अपील करनी पड़ रही है। उसे मांग करनी होगी और इंतजार करना होगा। सीरिया की मदद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को करनी चाहिए।"

इसके बाद उन्होंने रूस-यूक्रेन जंग का जिक्र किया। बोले, "मेरे देश के खिलाफ रूस का युद्ध जारी है, हर हफ्ते लोग मर रहे हैं, फिर भी युद्धविराम नहीं हो पा रहा है।"

उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल जापोरिज्जिया बिजली संयंत्र पर रूसी हमले के परिणामस्वरूप होने वाले विकिरण के खतरे को लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन तब से "कुछ भी नहीं बदला है।"

उन्होंने कहा, "रूस ने गोलाबारी बंद नहीं की, यहां तक कि परमाणु संयंत्र के पास के इलाकों में भी नहीं। और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इतनी कमजोर हैं कि यह पागलपन जारी है।"

पोलैंड, रोमानिया और एस्टोनिया में हुई हालिया घटनाओं पर कहा कि "एक लंबे समय से चले आ रहे सैन्य गठबंधन (नाटो) का हिस्सा होने का मतलब यह नहीं है कि आप सुरक्षित हैं।"


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