Top
Begin typing your search above and press return to search.

बांग्लादेश में महिलाओं के प्रति दोहरा रवैया पर यूनुस सरकार की आलोचना

ढाका विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर समीना लुत्फा ने शनिवार को बांग्लादेश में पुरुष-प्रधान निर्णय प्रक्रिया की कड़ी आलोचना की

बांग्लादेश में महिलाओं के प्रति दोहरा रवैया पर यूनुस सरकार की आलोचना
X

  • बांग्लादेश में महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण पर समीना लुत्फा का तीखा हमला

ढाका। ढाका विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर समीना लुत्फा ने शनिवार को बांग्लादेश में पुरुष-प्रधान निर्णय प्रक्रिया की कड़ी आलोचना की।

"पुरुषों का क्लब" तय कर रहा महिलाओं का भविष्य : ढाका यूनिवर्सिटी प्रोफेसर का आरोप

संसद में महिलाओं की सीटें और महिलाओं का राजनीतिक सशक्तिकरण विषय पर आयोजित गोलमेज बैठक में लुत्फा ने कहा, “पार्टियां जब आयोग की बैठकों में जाती हैं, तो मैं देखती हूं कि पूरा का पूरा लड़कों का क्लब बैठा है। सभी पुरुष वहां बैठकर महिलाओं का भविष्य तय कर रहे हैं। खबरें आती हैं कि अगर आप 15 चाहते हैं, तो मैं 10 दे सकता हूं। क्या यह मछली बाजार में सौदेबाजी है? पुरुष तय करेंगे कि महिलाएं राजनीति में कैसे आएंगी। इससे बड़ी हास्यास्पद बात और क्या हो सकती है?”

मानवाधिकार के नजरिये से राजनीतिक पार्टियों को बताया 'रूढ़िवादी'

उन्होंने कहा, “मानवाधिकार के नजरिये से देखें तो पार्टियां इसे समझने में पूरी तरह विफल रही हैं। मुझे लगता है कि बांग्लादेश की राजनीतिक पार्टियों ने इससे बड़ी ऐतिहासिक गलती कभी नहीं की। सभी ने बेहद रूढ़िवादी रुख अपनाया है और इसकी जिम्मेदारी और कीमत उन्हें चुकानी होगी।”

लुत्फा ने यह भी आरोप लगाया कि महिला मामलों के आयोग की रिपोर्ट और उसके प्रस्तावों पर राष्ट्रीय सर्वसम्मति आयोग की दूसरी दौर की वार्ता में कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने इसे “बेहद गैर-जिम्मेदाराना” करार दिया।

महिला आंदोलन और प्रगति रोकने वालों के साथ सरकार: समीना लुत्फा का आरो

उन्होंने कहा, “सरकार ने महिला आयोग को यह जिम्मेदारी दी थी और उन्होंने अपना काम किया, लेकिन उन पर जब भीषण हमला हुआ, तब सरकार की चुप्पी ने साबित कर दिया कि वे वास्तव में महिलाओं के साथ नहीं हैं, बल्कि उनके साथ हैं जो महिलाओं के आंदोलन और प्रगति रोकना चाहते हैं।”

इस बीच, बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ए एम एम नसीरुद्दीन ने शनिवार को कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) “कई चुनौतियों” के बीच सीमित समय में आगामी आम चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है।

रंगपुर जिला क्षेत्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय चुनाव को लेकर आयोजित विचार-विनिमय बैठक में सीईसी ने कहा, “चुनावी व्यवस्था में जनता का भरोसा बहाल करना अब सबसे बड़ी चुनौती है। लोग व्यवस्था पर से विश्वास खो चुके हैं। उन्हें फिर से मतदान केंद्रों तक लाना एक बड़ा काम होगा।”

उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीख शेड्यूल घोषित होने से दो महीने पहले सार्वजनिक की जाएगी।

गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में, बांग्लादेश के कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस द्वारा आम चुनाव की तारीख को लेकर किए गए ऐलान पर अलग-अलग राय दी थी।

जहां बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने रमजान से पहले चुनाव कराने के फैसले का स्वागत किया, वहीं नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) ने निष्पक्ष और स्वीकार्य चुनाव कराने पर संदेह जताया।

पिछले साल हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक सरकार को हटाए जाने के बाद से बांग्लादेश में अगले आम चुनाव को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। यूनुस के साथ मिलकर हसीना को हटाने वाले दल अब सुधार प्रस्तावों और चुनाव के समय को लेकर आपस में टकरा रहे हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it