कौन बनेगा का नेपाल का प्रधानमंत्री ? जेन-जी ने दिया कुलमान घीसिंग के नाम का प्रस्ताव
जेन-जी और आर्मी के बीच अंतरिम सरकार के गठन को लेकर बातचीत का दौर भी जारी है, इस बीच जेन-जी की तरफ से एक नाम का प्रस्ताव दिया गया है

कौन बनेगा का नेपाल का प्रधानमंत्री ? जेन-जी ने दिया नए नाम का प्रस्ताव
- नेपाल में नई सरकार के गठन की कवायद
- जेन-जी ने दिया कुलमान घीसिंग के नाम का प्रस्ताव
- 'नेपाल में तख्तापलट में भारत का हाथ'-ओली
नेपाल। भारत के पड़ोसी देश नेपाल में हालात अब भी पूरी तरह से स्थिर नहीं दिख रहे। ओली सरकार के खिलाफ शुरू हुए युवाओं के प्रदर्शन ने देश की सत्ता में बदलाव कर दिया,हालांकि पूर्व पीएम के पी ओली ने भारत का नाम लेते हुए इसके पीछे बड़ी साज़िश की बात कही है, वहीं सवाल ये उठ रहे हैं कि अब देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। जेन-जी और आर्मी के बीच अंतरिम सरकार के गठन को लेकर बातचीत का दौर भी जारी है. इस बीच जेन-जी की तरफ से एक नाम का प्रस्ताव दिया गया है। तो किसके हाथ में जाएगी नेपाल की कमान, आइए जानते है।
नेपाल में अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा, युवाओं के आक्रोश ने केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देने पर तो मजबूर कर दिया लेकिन अब अंतरिम सरकार का गठन भी आसान नज़र नहीं आ रहा, पहले से देश में अराजकता का माहौल है। सेना के एक्शन में आने के बाद हालात काफी सुधरे हैं...पर नए प्रधामंत्री को लेकर सेना और जेन-जी के बीच समन्वय नहीं बैठ पा रहा ,जेन-जी का कहना है कि युवाओं ने यह विरोध-प्रदर्शन बुजुर्ग नेताओं से तंग आकर किया है। हमारा मकसद संविधान नहीं, संसद भंग करना है। छह महीने के अंदर हम चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने ये भी बताया कि ऑनलाइन सर्वेक्षणों के जरिए जेन-जी ने पीएम पद के लिए वोट दिया। सेना के साथ उनकी दूसरी दौर की भी वार्ता हुई...जिसके बाद पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनने की खबर तो आई थीं, लेकिन बाद में युवाओं के ही एक गुट ने ये कहते हुए आपत्ति जताई कि संविधान के मुताबिक पूर्व चीफ जस्टिस इस पद पर काबिज़ नहीं हो सकते, जिसके बाद कुलमान घीसिंग के नाम का प्रस्ताव पेश किया गया। राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने कहा है कि वह प्रदर्शनकारी दलों की मांगों को पूरा करने और समस्या का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि जिस तरह हर पल ये लिस्ट बदल रही है.. उसके बाद नए प्रधानमंत्री को लेकर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है। इस बीच नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने भावनात्मक वीडियो संदेश जारी कर माफ़ी की मांग की है। उन्होंने माना कि
हाल के घटनाक्रमों में उनसे और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य सदस्यों से गलतियां हुईं।
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री के पी. शर्मा ओली ने जनता को संबोधित खुला पत्र जारी किया। जिसमे उन्होंने जेन-जी आंदोलन के पीछे साज़िश के आरोप लगाए.. और कहा कि अगर मैं भारत के सामने झुक जाता तो मेरी सत्ता कई सालों तक बनी रहती।
यानी उन्होंने एक तरह से इस तख्तापलट के पीछे भारत का हाथ बताया जबकि चीनी सोशल मीडिया पर अमेरिका को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है। बहरहाल, अब नेपाल की सत्ता कौन संभालेगा इसपर सवाल बने हुए हैं।


