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'आईएस के खिलाफ कार्रवाई में अमेरिका के साथ हम,' सीरिया हवाई हमलों पर जॉर्डन का बयान

जॉर्डन आर्म्ड फोर्सेज (जेएएफ) ने कबूल किया कि उसने सीरिया में मौजूद आईएस के ठिकानों को नष्ट करने के अभियान में अमेरिका का पूरा साथ दिया

आईएस के खिलाफ कार्रवाई में अमेरिका के साथ हम, सीरिया हवाई हमलों पर जॉर्डन का बयान
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अम्मान। जॉर्डन आर्म्ड फोर्सेज (जेएएफ) ने शनिवार को कबूल किया कि उसने सीरिया में मौजूद आईएस के ठिकानों को नष्ट करने के अभियान में अमेरिका का पूरा साथ दिया। माना कि शुक्रवार को उन ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों में वो भी शामिल थे।

एक बयान में, जेएएफ ने कहा कि यह ऑपरेशन यूनाइटेड स्टेट्स के सहयोग से किया गया था, जिसका मकसद "चरमपंथी समूहों को पड़ोसी देशों के खिलाफ सीरियाई जमीन को लॉन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल करने से रोकना था।"

अमेरिकी सेंट्रल कमांड (केंद्रीय कमान) ने कहा कि शुक्रवार को अमेरिकी सेना ने सेंट्रल सीरिया में आईएस से जुड़े 70 से ज्यादा संदिग्ध ठिकानों पर हमला किया। यह हमला हाल ही में हुए एक हमले के जवाब में किया गया था जिसमें दो अमेरिकी सैनिक और एक नागरिक दुभाषिया मारे गए थे।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय कमान ने कहा कि इस ऑपरेशन को जेएएफ के फाइटर विमानों ने सपोर्ट किया और इसमें 100 से ज्यादा सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया, जिन्होंने आईएस के बुनियादी ढांचों और हथियारों को निशाना बनाया। हमलों के बाद, सीरिया ने शुक्रवार को अपने एक्स अकाउंट पर कहा कि सीरिया "आईएसआईएस से लड़ने और यह सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है कि सीरियाई क्षेत्र में उसके लिए कोई सुरक्षित ठिकाना न बचे, और जहां भी यह खतरा पैदा करेगा, उसके खिलाफ सैन्य अभियान तेज करता रहेगा।"

इसमें आगे कहा गया है, "सीरियाई अरब गणराज्य यूनाइटेड स्टेट्स और अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन के सदस्य देशों से इन प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह करता है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता की बहाली में मदद मिले।"

सेंट्रल कमांड के अनुसार, 13 दिसंबर को सीरिया में एक आईएस बंदूकधारी के घात लगाकर किए गए हमले में दो अमेरिकी सैनिक और एक अमेरिकी नागरिक मारे गए थे और तीन अन्य सैनिक घायल हो गए। इस हमले के बाद, अमेरिकी और सहयोगी बलों ने सीरिया और इराक में 10 ऑपरेशन किए, जिसके परिणामस्वरूप 23 आतंकवादी मारे गए या पकड़े गए।

13 दिसंबर के हमले की जिम्मेदारी किसी भी समूह ने नहीं ली है। सीरिया के आंतरिक मंत्रालय ने पहले हमलावर की पहचान सीरिया की आंतरिक सुरक्षा सेवा के सदस्य के रूप में की थी।

इस्लामिक स्टेट ने सीरिया और इराक में अपने नियंत्रण वाले अधिकांश क्षेत्र खो दिए हैं, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि समूह के बचे हुए सदस्य अब भी हमलावर हैं और क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं।


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