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10 दिसंबर की बड़ी खबरें और अपडेट्स

भारत और दुनिया की सारी बड़ी खबरें एक साथ, एक जगह पढ़ने के लिए आप सही जगह पर हैं. इस पेज को हम लगातार अपडेट कर रहे हैं, ताकि ताजा अपडेट लाइव आप तक ला सकें

भारत और दुनिया की सारी बड़ी खबरें एक साथ, एक जगह पढ़ने के लिए आप सही जगह पर हैं. इस पेज को हम लगातार अपडेट कर रहे हैं, ताकि ताजा अपडेट लाइव आप तक ला सकें.

- व्यापार समझौते पर जल्द से जल्द सहमति बनाना चाहते हैं भारत और ईयू

- एमेजॉन ने किया भारत में 35 अरब डॉलर के निवेश का एलान

- थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर तीसरे दिन भी झड़प जारी

- जर्मन चांसलर बोले, “अमेरिकी यूरोप का लोकतंत्र ना बचाएं, हम खुद संभाल लेंगे”

व्यापार समझौते पर जल्द से जल्द सहमति बनाना चाहते हैं भारत और ईयू

भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 8 और 9 दिसंबर को यूरोपीय संघ के व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविक के साथ व्यापार समझौते को लेकर चर्चाएं कीं. भारत के वाणिज्य मंत्रालय की प्रेस रिलीज के मुताबिक, इन चर्चाओं का उद्देश्य व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रही टीमों को रणनीतिक मार्गदर्शन देना था क्योंकि दोनों पक्ष समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहे हैं.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, 2024 में भारत और ईयू के बीच 120 अरब यूरो का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था और व्यापार समझौता होने से इसमें खासी बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति होने के बावजूद कई मुद्दे अभी तक नहीं सुलझ सके हैं. इस समझौते में कुल 23 चैप्टर हैं, जिनमें से 11 पर सहमति बनाई जा चुकी है.

एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि यूरोपीय संघ गाड़ियों, मेडिकल उपकरणों, वाइन और मीट आदि उत्पादों पर लगने वाले टैरिफ में बड़ी कटौती चाहता है. ईयू ने मजबूत बौद्धिक संपदा नियमों की भी मांग की है. वहीं, भारत चाहता है कि उसके श्रम-प्रधान सामानों पर कोई शुल्क ना लगे और भारत के बढ़ते ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को ईयू में पहचान मिले.

जर्मन चांसलर बोले, “अमेरिकी यूरोप का लोकतंत्र ना बचाएं, हम खुद संभाल लेंगे”

जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने कहा है कि अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के कुछ हिस्से “यूरोप की नजर से बिल्कुल स्वीकार करने लायक नहीं” हैं. उन्होंने कहा कि दस्तावेज की दिशा उन्हें हैरान नहीं करती, क्योंकि इसमें वही बातें दोहराई गई हैं जो उपराष्ट्रपति जेडी वैंस ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कही थीं.

मैर्त्स ने कहा, “कुछ बातें ठीक लगती हैं, कुछ समझ में आती हैं और कुछ हमारे लिए बिल्कुल अस्वीकार्य हैं. मुझे नहीं लगता कि अमेरिकियों को अब यूरोप में लोकतंत्र बचाने की जरूरत है. अगर कभी जरूरत पड़ी तो हम खुद संभाल लेंगे.”

अमेरिकी सुरक्षा रणनीति के नए दस्तावेज में जिक्र है कि यूरोपीय देश अभिव्यक्ति की आजादी को सीमित कर रहे हैं, लेकिन मैर्त्स का कहना है कि यह आकलन यूरोप की असल राजनीतिक स्थिति को नहीं दिखाता. राइनलैंड-पालाटिनेट की यात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि यह रुख इस बात की पुष्टि करता है कि “हमें यूरोप और जर्मनी में, अमेरिकी सुरक्षा नीति से आजाद होना होगा.”

अमेरिका को संदेश देते हुए मैर्त्स ने कहा, “‘अमेरिका प्रथम' तो ठीक है, लेकिन 'अमेरिका अकेला' आपके हित में नहीं है. आपको दुनिया में साझेदार चाहिए और यूरोप उनमें से एक हो सकता है. अगर आप पूरे यूरोप का लाभ नहीं ले पा रहे, तो कम से कम जर्मनी को अपना मजबूत साझेदार बनाइए.”

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों का साझा लक्ष्य है, “हमारे महाद्वीप में स्वतंत्रता, सुरक्षा और शांति को बनाए रखना.” मैर्त्स ने आगे जोड़ा कि अगर अमेरिका इस दिशा में साथ नहीं चला, तो यूरोप को “मानसिक तौर पर और आगे चलकर व्यावहारिक तौर पर भी तैयार रहना होगा.”

एमेजॉन ने किया भारत में 35 अरब डॉलर के निवेश का एलान

एमेजॉन कंपनी भारत में 2030 तक 35 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है. कंपनी अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसकी क्षमताओं और निर्यात को बढ़ावा देकर देश में अपना व्यवसाय और बढ़ाना चाहती है. एमेजॉन ने बुधवार को कहा कि वह भारत में 2030 तक रोजगार के 10 लाख अतिरिक्त मौके पैदा करने की योजना बना रही है.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ई-कॉमर्स क्षेत्र की इस बड़ी कंपनी ने 2010 से लेकर अब तक भारत में 40 अरब डॉलर का निवेश किया है. इसके अलावा, कंपनी ने 2023 में 26 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की थी. एमेजॉन ने अपने बयान में कहा कि उसने पिछले 10 सालों में भारतीय विक्रेताओं की कुल 20 अरब डॉलर का निर्यात करने में मदद की है. कंपनी ने कहा कि वह इसे 2030 तक 80 अरब डॉलर पर ले जाना चाहती है.

इस साल अमेरिका की कई प्रमुख टेक कंपनियों ने भारत में अरबों डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है. यह बताता है कि भारत क्लाउड, एआई और डीप-टेक के क्षेत्र में एक रणनीतिक केंद्र के रूप में उभर रहा है. इससे पहले मंगलवार को माइक्रोसॉफ्ट ने भी भारत में एआई और क्लाउड के क्षेत्र में 17.5 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की. गूगल भी एआई डेटा सेंटर बनाने के लिए 15 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा कर चुका है.

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर तीसरे दिन भी झड़प, ट्रंप बोले, “कॉल करके लड़ाई रोकूंगा”

थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर लड़ाई बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रही. जुलाई में दोनों देशों के बीच पांच दिन की झड़प के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक युद्धविराम करवाया था, लेकिन अब हालात फिर बिगड़ गए हैं. थाईलैंड के विदेश मंत्री ने कहा कि बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही, जबकि कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट के एक सलाहकार ने कहा कि उनका देश “किसी भी समय बात करने को तैयार” है.

अमेरिका के पेन्सिल्वेनिया में एक रैली में ट्रंप ने कई संघर्षों का जिक्र किया, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने उन्हें रोका. उसके बाद वे इस ताजा सीमा विवाद पर बोले, “मुझे कहना अच्छा नहीं लग रहा, इसका नाम है कंबोडिया–थाईलैंड और यह आज शुरू हुआ है. कल मुझे एक फोन कॉल करनी पड़ेगी और कौन कह सकता है कि मैं एक कॉल करूंगा और दो ताकतवर देशों, यानी थाईलैंड और कंबोडिया की लड़ाई रोक दूंगा?”

यह लड़ाई इतनी बढ़ गई है कि दोनों देशों ने सीमा क्षेत्रों से लाखों लोगों को निकाल लिया है. कंबोडिया ने कहा कि सोमवार से अब तक नौ नागरिक मारे गए और 20 लोग गंभीर रूप से घायल हुए. थाई अधिकारियों के अनुसार चार सैनिक मारे गए और 68 घायल हुए. दोनों देश एक-दूसरे पर हमलों का आरोप लगा रहे हैं. कंबोडिया का कहना है कि थाईलैंड ने “बेपरवाही से नागरिक इलाकों को निशाना बनाया”, जबकि थाईलैंड इस आरोप को खारिज करता है


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