मंगलवार, 21 अक्टूबर की बड़ी खबरें और अपडेट्स
जापान में पहली बार एक महिला को प्रधानमंत्री चुना गया है. दक्षिणपंथी सानाए ताकाइची को लेकर मिलीजुली राय है

जापान में पहली बार एक महिला को प्रधानमंत्री चुना गया है. दक्षिणपंथी सानाए ताकाइची को लेकर मिलीजुली राय है.
- ट्रंप की चीन पर 155 फीसदी टैरिफ की धमकी
- दिवाली के बाद दिल्ली के प्रदूषण में तेज बढ़त
- जापान को मिली पहली महिला प्रधानमंत्री
जर्मनी में 15 साल में सबसे कम वाइन उत्पादन
जर्मनी में इस साल वाइन उत्पादन पिछले 15 वर्षों के मुकाबले सबसे कम दर्ज किया गया है. जर्मन वाइन इंस्टीट्यूट द्वारा मंगलवार को जारी अंतिम अनुमान के अनुसार, इस साल देशभर में सिर्फ 73 लाख हेक्टोलिटर अंगूर का रस (ग्रेप मस्ट) उत्पादित होगा जो पिछले अनुमानों से भी कम है. एक हेक्टोलिटर 100 लीटर के बराबर होता है.
इंस्टिट्यूट के प्रवक्ता एर्न्स्ट ब्यूस्शर ने बताया कि आखिरी बार इतनी कम पैदावार साल 2010 में हुई थी, जब उत्पादन 71 लाख हेक्टोलिटर था. इस बार का उत्पादन पिछले साल की तुलना में सात फीसदी कम और 10 साल के औसत (87 लाख हेक्टोलिटर) से 16 फीसदी नीचे है.
जर्मनी के 13 वाइन उत्पादक क्षेत्रों में से चार सबसे बड़े क्षेत्र, राइन हेस्से, पलैटिनेट, बाडेन और वुर्टेमबर्ग में भारी गिरावट दर्ज की गई है. ब्यूस्शर के अनुसार, “छोटे अंगूर, औसत से कम रस उत्पादन और सितंबर के मध्य में हुई भारी बारिश के बाद अंगूरों की सख्त छंटाई के कारण फसल पर बुरा असर पड़ा है.”
केवल राइन हेस्से क्षेत्र में ही 23 फीसदी की गिरावट देखी गई, जो 10 साल के औसत से लगभग 6 लाख हेक्टोलिटर कम उत्पादन है. विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियमित मौसम पैटर्न अब जर्मनी की वाइन इंडस्ट्री के लिए लगातार चुनौती बनते जा रहे हैं.
एशियाई युवा खेलों के लिए भारत की 23 सदस्यीय मुक्केबाजी टीम बहरीन रवाना
भारत की 23 सदस्यीय मुक्केबाजी टीम बहरीन की राजधानी मनामा के लिए रवाना हो गई है, जहां 23 अक्टूबर से तीसरे एशियाई युवा खेलों की शुरुआत होगी. इस प्रतियोगिता में भारत की युवा टीम से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि हाल के वर्षों में देश के युवा मुक्केबाजों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है.
इस टीम में ध्रुव खरब, उधम सिंह राघव, खुशी चंद, आहना शर्मा और चंद्रिका भोरेशी पुजारी जैसे मशहूर नाम शामिल हैं. ये सभी राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता हैं और हाल के समय में भारत की युवा मुक्केबाजी की सफलता में अहम भूमिका निभा चुके हैं.
टीम में ऐसे कई खिलाड़ी भी शामिल हैं जिन्होंने जुलाई 2025 में हुई एशियाई अंडर-17 चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया था. उस प्रतियोगिता में भारत ने कुल 43 पदक जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया था, जो देश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही.
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने कहा है कि इस बार का लक्ष्य एशियाई युवा खेलों में शीर्ष स्थान प्राप्त करना है. कोचिंग स्टाफ ने खिलाड़ियों को आखिरी चरण की तैयारी के दौरान विशेष ट्रेनिंग सेशन दिए हैं ताकि वे विदेशी माहौल में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सकें.
असरानी ने कहा था, मेरी मौत का प्रचार मत करना
दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता असरानी का सोमवार दोपहर निधन हो गया. 84 वर्षीय असरानी पिछले कुछ समय से सांस लेने में दिक्कत के कारण अस्पताल में भर्ती थे. उनके निधन से फिल्म जगत और प्रशंसकों के बीच गहरा शोक है. पांच दशक से अधिक समय तक उन्होंने अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग और अनोखी अदाकारी से दर्शकों को खूब हंसाया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, असरानी का अंतिम संस्कार सोमवार देर रात मुंबई के सांताक्रूज शमशान घाट में किया गया. परिवार और कुछ करीबी दोस्तों की मौजूदगी में यह अंतिम संस्कार बेहद सादगी से हुआ. असरानी की आखिरी इच्छा थी कि उनकी अंतिम विदाई निजी रखी जाए, इसलिए न तो मीडिया को बुलाया गया और न ही कोई सार्वजनिक घोषणा की गई.
इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उनके मैनेजर बाबूभाई थीबा ने बताया कि असरानी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे और उन्होंने अपनी पत्नी मंजू असरानी से कहा था कि उनके निधन की खबर तुरंत सार्वजनिक न की जाए. यही कारण रहा कि अंतिम संस्कार चुपचाप दीपावली के दिन संपन्न हुआ और बाद में इसकी जानकारी दी गई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असरानी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय सिनेमा में हास्य अभिनय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और वे हमेशा याद किए जाएंगे.
2026 में 5 फीसदी ज्यादा कंपनियां दिवालिया होंगीः रिपोर्ट
हैम्बर्ग स्थित अंतरराष्ट्रीय बीमा कंपनी आलियांज ट्रेड के अनुसार, दुनिया भर में कॉर्पोरेट दिवालिया होने के मामलों में अगले साल 5 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है. यह लगातार पांचवां वर्ष होगा जब दिवालियापन के मामले बढ़ेंगे. कंपनी ने मंगलवार को जारी अपने पूर्वानुमान में कहा कि जर्मनी में 2026 में लगभग 24,500 कंपनियों के दिवालिया होने की संभावना है, जो पिछले वर्ष से 1 फीसदी अधिक है और पिछले 12 वर्षों में सबसे ऊंचा स्तर होगा.
आलियांज ट्रेड की सीईओ आयलिन सोमरसन कोकी ने कहा कि वैश्विक व्यापारिक तनाव कंपनियों की स्थिरता का इम्तेहान ले सकते हैं और “डोमिनो प्रभाव” का जोखिम बढ़ रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यूरोप और अमेरिका में नई कंपनियों की तेजी से बढ़ती संख्या भी खतरा पैदा कर सकती है, क्योंकि स्टार्टअप्स के दिवालिया होने का जोखिम पारंपरिक कंपनियों की तुलना में कहीं ज्यादा होता है.
अध्ययन में यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर एआई उद्योग में “डॉट-कॉम बबल” जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो जर्मनी में लगभग 4,000 अतिरिक्त कंपनियां दिवालिया हो सकती हैं. कंपनी का अनुमान है कि 2027 में स्थिति में सुधार आएगा. तब जर्मनी में दिवालिया होने के मामलों में 4 फीसदी की गिरावट होकर संख्या 23,500 तक पहुंच सकती है. वैश्विक स्तर पर भी 1 फीसदी की कमी की उम्मीद जताई गई है.
उत्तराखंड सरकार ने लिव इन संबंधों पर समान नागरिक संहिता में बदलावों की पेशकश
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता अधिनियम, 2023 और इसके तहत बनाए गए नियम, 2024 को लेकर दाखिल की गई कई याचिकाओं पर सुनवाई के बीच राज्य सरकार के गृह विभाग ने बुधवार को हाई कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया. इसमें नियमों में संशोधन के प्रस्ताव पेश किए गए हैं ताकि याचिकाओं में उठाई गई कुछ आपत्तियों और चिंताओं का हल निकाला जा सके.
सरकार द्वारा सुझाए गए बदलावों में निजता को एक बड़ा मुद्दा बताया जा रहा है. इसके तहत 'आधारकार्ड' आधारित सत्यापन प्रक्रिया को हटान की बात कही गई है. "लिव-इन" संबंध समाप्त होने पर उसमें जन्मे बच्चों की जानकारी देने की अनिवार्यता को भी खत्म करने की बात है. साथ ही 21 वर्ष से कम आयु के पंजीकृत व्यक्तियों के माता-पिता या अभिभावकों को सूचना देने के प्रावधान में सुधार, और पंजीकरण के समय मांगे जाने वाले दस्तावेजों की प्रक्रिया में संशोधन जैसी बातें शामिल हैं.
यह प्रावधान केवल एक स्त्री और एक पुरुष के बीच होने वाले "लिव-इन" संबंधों पर लागू होगा. बदलावों में उन रिश्तों को भी जगह मिली है जिनमें फिलहाल भारत में शादी मान्य नहीं है. उत्तराखंड की समान नागरिक संहिता में विवाह के लिए 74 प्रकार के निषिद्ध रिश्तों का जिक्र है, जिनमें सगे चचेरे भाई-बहन का संबंध भी शामिल है. साथ ही, कानून यह भी स्पष्ट करता है कि कोई व्यक्ति ऐसे व्यक्ति के साथ "लिव-इन" संबंध में नहीं रह सकता जो पहले से विवाहित हो या किसी अन्य "लिव-इन" संबंध में हो.
5 साल की सजा काटने जेल पहुंचे सारकोजी
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी की पांच साल की सजा मंगलवार से शुरू हो गई. 2007 के राष्ट्रपति चुनाव में लीबिया से अवैध फंड लेने के आरोप में उन्हें सजा सुनाई गई है. 70 वर्षीय सारकोजी अपनी पत्नी और गायिका कार्ला ब्रूनी का हाथ थामे घर से निकले और पुलिस एस्कॉर्ट के साथ जेल के लिए रवाना हुए. बाहर समर्थक “निकोलस को रिहा करो” के नारे लगा रहे थे. जेल के दरवाजे पर सारकोजी ने कहा कि वह निर्दोष हैं.
सारकोजी को सितंबर में आपराधिक साजिश के आरोप में पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. अदालत ने कहा था कि उन्होंने तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी से अपने चुनाव अभियान के लिए आर्थिक मदद हासिल करने की साजिश रची थी.
अपील दायर करने के बावजूद सारकोजी को पेरिस की ला सांते जेल में भेजा गया है. उन्होंने कहा था, “अगर उन्हें मुझे जेल में सुलाना है, तो मैं सिर ऊंचा रखकर सोऊंगा.”
सारकोजी को जेल में अकेले सेल में रखा जाएगा ताकि उनकी सुरक्षा बनी रहे. उन्हें दिन में एक बार टहलने और हफ्ते में तीन बार मुलाकात की अनुमति होगी. 1945 के बाद सारकोजी पहले ऐसे फ्रांसीसी नेता हैं जिन्हें जेल भेजा गया है. उनसे पहले द्वितीय विश्व युद्ध के बाद फिलिप पेटैं को नात्सियों से सहयोग के लिए कैद हुई थी.
फ्रांस में कराए गए एक सर्वे के अनुसार, 60 फीसदी नागरिक इस सजा को “उचित” मानते हैं. हालांकि सारकोजी को अभी भी दक्षिणपंथी खेमे का समर्थन हासिल है और जेल जाने से एक दिन पहले ही राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने भी उनसे मुलाकात की थी.
माओवादियों के नए नेता ने फिर लगाई सशस्त्र संघर्ष की गुहार
इंडियन एक्सप्रेस अखबार की एक खबर के मुताबिक प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को हाल ही में अपना नया नेता मिला है जो सरेंडर नहीं बल्कि सशस्त्र संघर्ष की बात कर रहा है. पार्टी की वैचारिक इकाई के प्रमुख मलोजुला वेंगोपाला राव उर्फ “सोनू” ने इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र में अपने लगभग साठ साथियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था. अखबार ने तेलंगाना के खुफिया सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अब पार्टी के महासचिव माने जा रहे तिप्पिरी तिरुपति उर्फ “देवूजी” ने “अभय” नाम से पार्टी का नया सार्वजनिक चेहरा बनकर जिम्मेदारी संभाल ली है.
“अभय” नाम से अब तक दो प्रेस रिलीज जारी की गई हैं. एक में “सोनू” और आत्मसमर्पण करने वाले अन्य नेताओं की निंदा की गई है, जबकि दूसरी में 24 अक्टूबर को देशव्यापी बंद का आह्वान किया गया है. ये दोनों पत्र 16 अक्टूबर को जारी हुए थे.
सोनू और अन्य लोगों को "निम्न-बुर्जुआ", "दक्षिणपंथी", "दलबदलू" और "देशद्रोही" बताने वाली इन प्रेस रिलीज में यह भी कहा गया है कि पार्टी सशस्त्र संघर्ष छोड़ने को तैयार नहीं है. विज्ञप्तियों के अनुसार, सोनू ने 2011 से ही “क्रांतिकारी विरोधी रुझान” दिखाए हैं, जिस साल उनके भाई मल्लोजुला कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी की सुरक्षा बलों ने हत्या कर दी थी.
तेजस्वी यादव की आलोचना के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने किया चुनाव ना लड़ने का ऐलान
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने घोषणा की है कि वह इस बार बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगा. पार्टी ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पर महागठबंधन के “गठबंधन धर्म” का पालन न करने का आरोप लगाया है.
झामुमो नेता सुदीप कुमार सोनू ने झारखंड के गिरिडीह में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह घोषणा की. यह फैसला उस बयान के दो दिन बाद आया है जब झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा था कि पार्टी बिहार में महागठबंधन से अलग होकर छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
सोनू ने सोमवार को कहा, “दूसरे चरण के नामांकन की समयसीमा शाम 3 बजे खत्म हो गई. हमें अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि झामुमो इस बार बिहार चुनाव में हिस्सा नहीं लेगा.” उन्होंने कहा, “जब इंडिया गठबंधन का एक अहम सहयोगी चुनाव से रोका जाता है, तो इसके पीछे कारण जरूर हैं. लेकिन हम इसके लिए आरजेडी नेतृत्व को पूरी तरह जिम्मेदार मानते हैं. कांग्रेस ने भी झामुमो को सीट बंटवारे की बातचीत में शामिल कराने की जिम्मेदारी नहीं निभाई.”
सोनू ने याद दिलाया कि 2015 में झामुमो ने बिहार में आरजेडी का साथ दिया था और 2024 में झारखंड में कांग्रेस, आरजेडी और वाम दलों को जगह दी थी. उन्होंने कहा कि 2020 में झामुमो को तीन सीटों का आश्वासन दिया गया था, जो आखिरी समय पर बदल दिया गया और वही स्थिति इस बार भी दोहराई गई.
जर्मनी में तेजी से बढ़े बर्ड फ्लू के मामले
जर्मनी में अक्टूबर महीने में बर्ड फ्लू के मामले तेजी से बढ़े हैं. देश में पोल्ट्री फार्म और प्रवासी पक्षियों के बीच संक्रमण के कई नए मामले दर्ज किए गए हैं. यह जानकारी जर्मनी के फेडरल शोध संस्थान फ्रीडरिष-लोएफलर इंस्टीट्यूट ने सोमवार को दी.
संस्थान ने अपने ताजा विश्लेषण में पोल्ट्री फार्मों के लिए खतरे के स्तर को “कम” से बढ़ाकर “उच्च” और जंगली पक्षियों के लिए “कम” से “मध्यम” कर दिया है.
पूर्वी जर्मनी के कई राज्यों में हाल के दिनों में बड़ी संख्या में सारस पक्षियों की मौत हुई है. पिछले हफ्ते सैक्सनी-अनहाल्ट और थ्यूरिंजिया की सीमा पर स्थित केलब्रा झील के पास 100 से अधिक मृत पक्षी मिले. वहीं, म्यूरित्स झील में भी सप्ताहांत पर दर्जनों पक्षी मृत पाए गए.
संस्थान ने चार जर्मन राज्यों से मिले नमूनों में एच5एन1 उपप्रकार के एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस की पुष्टि की है. अक्टूबर में अब तक 15 पोल्ट्री फार्मों में संक्रमण पाया गया है, जबकि सितंबर में यह संख्या केवल 4 थी. संस्थान के अनुसार, संक्रमण के कारणों की जांच जारी है.
एएफडी ने किया हंगरी में ट्रंप-पुतिन बैठक का स्वागत
जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ‘ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ (एएफडी) की सह-अध्यक्ष अलीस वाइडेल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बुडापेस्ट में प्रस्तावित बैठक का स्वागत किया है. यह बैठक यूक्रेन युद्ध पर चर्चा के लिए बुडापेस्ट में होने की संभावना है. कई यूरोपीय देश इस बात से नाराज हैं कि पुतिन को यूरोप में बैठक के लिए बुलाया जा रहा है.
वाइडेल ने सोमवार को अपने भाषण में कहा, “यूरोप में शांति पर बात करने और महाद्वीप के विभाजन को रोकने के लिए बुडापेस्ट से बेहतर जगह कोई नहीं हो सकती.” उन्होंने हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान की प्रशंसा करते हुए कहा कि “वह शांति और मेल-मिलाप के प्रयासों में डटे हुए हैं.”
ओरबान ने हाल ही में ट्रंप और पुतिन के बीच इस बैठक की मेजबानी की पेशकश की थी. वाइडेल ने कहा कि अगर यह बैठक जल्द होती है, तो यह इस बात का सबूत होगा कि “हंगरी सही दिशा में जा है.” उन्होंने अपने भाषण में 1956 के हंगरी विद्रोह का भी उल्लेख किया, जब हंगरी ने मॉस्को-नियंत्रित कम्युनिस्ट शासन के खिलाफ विद्रोह किया था. हालांकि वाइडेल ने यह नहीं बताया कि उस समय सोवियत सैनिकों ने इस विद्रोह को कुचल दिया था.
ट्रंप और पुतिन ने पिछले सप्ताह फोन पर सहमति जताई थी कि बैठक बुडापेस्ट में होगी, हालांकि तारीख तय नहीं हुई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के इसमें शामिल होने की संभावना नहीं है.
कम बोनस से नाराज कर्मचारियों ने खोले टोल गेट
दिवाली के मौके पर कम बोनस मिलने से नाराज एक टोल कंपनी के कर्मचारियों ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर फतेहाबाद टोल प्लाजा के गेट खोल दिए. इससे लगभग 5,000 वाहन बिना टोल चुकाए गुजर गए. कंपनी को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.
यह घटना शनिवार रात 12 बजे से रविवार सुबह 10 बजे तक चली. कर्मचारियों को इस बार सिर्फ 1,100 रुपये का बोनस मिला था, जबकि पिछले साल उन्हें 5,000 रुपये दिए गए थे. इससे नाराज होकर उन्होंने सभी बूम बैरियर खोल दिए और धरने पर बैठ गए.
इस दौरान किसी वाहन से टोल नहीं वसूला गया और फास्टैग स्कैन भी नहीं हो सका. कंपनी के अनुसार, एक तरफ का टोल 665 रुपये है, जिससे नुकसान का अनुमान लाखों में है. प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्णा जुरैल ने कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे 10 फीसदी वेतन वृद्धि के आश्वासन के बाद ही काम पर लौटे. फतेहाबाद टोल प्लाजा पर कुल 21 कर्मचारी तैनात हैं. एसीपी अमरदीप लाल ने बताया कि मार्च 2025 तक टोल संचालन का ठेका एक निजी कंपनी के पास है. रविवार सुबह पुलिस और प्रबंधन की बातचीत के बाद टोल वसूली फिर शुरू की गई और स्थिति अब पूरी तरह सामान्य है.
दिवाली के अगले दिन दिल्ली में प्रदूषण का अंधकार
दिल्ली में दिवाली के एक दिन बाद मंगलवार सुबह घना धुआं और धुंध छाई रही. लाखों लोगों ने सोमवार रात आतिशबाजी की, जिससे राजधानी की हवा खतरनाक स्तर तक प्रदूषित हो गई. दिवाली के बाद दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) कई इलाकों में 350 के पार पहुंच गया, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने “गंभीर” श्रेणी में रखा है. आसमान में घना धुआं और धुंध फैलने से ऐतिहासिक इमारतें और ऊंची इमारतें धुंधलके में छिप गईं. एक पर्यटक वेदांत पचकांडे ने कहा, “ऐसा पहले कभी नहीं देखा. यहां प्रदूषण की वजह से कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा.”
पिछले हफ्ते भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में दिवाली के दौरान लगाए गए पटाखों के पूर्ण प्रतिबंध में थोड़ी राहत दी थी. कोर्ट ने “ग्रीन पटाखों” के सीमित इस्तेमाल की अनुमति दी थी, जिनसे 30 फीसदी कम प्रदूषण होता है. लेकिन यह नियम अधिकतर जगहों पर लागू नहीं हुआ. दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में सर्दियों के दौरान प्रदूषण हर साल बढ़ जाता है, जब दिवाली की आतिशबाजी, ठंडा मौसम और खेतों में पराली जलाने का धुआं एक साथ मिलते हैं. सरकार ने निर्माण कार्य और डीजल जेनरेटरों पर रोक जैसी कुछ अस्थायी पाबंदियां लगाई हैं. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दीर्घकालिक समाधान ही इस वार्षिक संकट को रोक सकते हैं.
हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया कि बढ़ते प्रदूषण से भारत में सूरज की रोशनी के घंटे लगातार घट रहे हैं, जिससे सौर ऊर्जा उत्पादन और कृषि दोनों पर असर पड़ सकता है.
जापान को मिली पहली महिला प्रधानमंत्री
जापान की दक्षिणपंथी नेता सानाए ताकाइची देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं. मंगलवार को संसद के निचले सदन में हुए मतदान में ताकाइची ने बहुमत हासिल कर इतिहास रच दिया. पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी और ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर की प्रशंसक ताकाइची को 465 सीटों वाले सदन में 237 वोट मिले. इससे उन्हें जापान की अगली प्रधानमंत्री चुना गया. ताकाइची की जीत उस देश में महिलाओं के लिए प्रतीकात्मक बदलाव मानी जा रही है, जहां राजनीति पर अब भी पुरुषों का दबदबा है.
उनकी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) ने दक्षिणपंथी जापान इनोवेशन पार्टी, जिसे इशिन कहा जाता है, के साथ गठबंधन समझौता किया है. इसके बाद ताकाइची को ऊपरी सदन की औपचारिक मंजूरी मिलने की संभावना है. ताकाइची मंगलवार शाम जापान की 104वीं प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगी. वे शिगेरु इशिबा की जगह लेंगी, जिन्होंने हाल ही में चुनावी हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था.
हालांकि ताकाइची की जीत को प्रगतिशील बदलाव के रूप में नहीं देखा जा रहा है, बल्कि इसे इमिग्रेशन और सामाजिक नीतियों पर जापान के और अधिक दक्षिणपंथी रुख की दिशा में कदम माना जा रहा है.
ट्रंप ने दी चीन पर 155 फीसदी टैरिफ की धमकी
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते को लेकर तनाव फिर बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका के साथ "न्यायपूर्ण व्यापार समझौता" नहीं करते, तो अमेरिका चीनी सामान पर "संभावित 155 फीसदी टैरिफ" लगा सकता है.
ट्रंप ने यह बयान सोमवार को व्हाइट हाउस में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीजी के साथ एक खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करते समय दिया. उन्होंने कहा कि अगर 1 नवंबर तक समझौता नहीं हुआ, तो चीन के उत्पादों पर नया भारी शुल्क लगाया जाएगा.
पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि चीन हमारे प्रति बहुत सम्मानजनक रहा है. वे हमें भारी मात्रा में शुल्क के रूप में पैसा दे रहे हैं. फिलहाल वे 55 फीसदी टैरिफ दे रहे हैं, जो बहुत बड़ी रकम है."
उन्होंने आगे कहा, "अगर 1 नवंबर तक समझौता नहीं हुआ, तो यह 155 फीसदी तक बढ़ सकता है." ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि बातचीत के दौरान अमेरिका की प्रमुख मांगें रेयर अर्थ मेटल्स, फेंटेनिल और सोयाबीन से जुड़ी हैं, जिन पर चीन को ठोस कदम उठाने होंगे.


