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पहली बार भारत आईं श्रीलंका की पीएम, 18 अक्टूबर तक भारत में रहेंगी, कई मुद्दों पर करेंगी चर्चा

श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या पहली बार दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर गुरुवार को भारत पहुंचीं। श्रीलंका में प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है

पहली बार भारत आईं श्रीलंका की पीएम, 18 अक्टूबर तक भारत में रहेंगी, कई मुद्दों पर करेंगी चर्चा
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दो दिवसीय दौरे पर पहली बार भारत पहुंचीं श्रीलंका की पीएम अमरसूर्या, कई कार्यक्रमों में लेंगी हिस्सा

नई दिल्ली। श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या पहली बार दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर गुरुवार को भारत पहुंचीं। श्रीलंका में प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है।

श्रीलंकाई पीएम अमरसूर्या 18 अक्टूबर तक भारत में रहेंगी। इस दौरान वह वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं से मिलकर प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा करेंगी।

अपनी यात्रा के दौरान, श्रीलंकाई प्रधानमंत्री नई दिल्ली में एनडीटीवी और चिंतन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 'एनडीटीवी वर्ल्ड समिट' में भी शामिल होंगी। इस कार्यक्रम में वह मुख्य भाषण देंगी।

बता दें कि पीएम अमरसूर्या श्रीलंका के पास ही शिक्षा विभाग की भी जिम्मेदारी है। ऐसे में वह शिक्षा, नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली और नीति आयोग का दौरा करेंगी।

अमरसूर्या दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज की स्टूडेंट रह चुकी हैं। ऐसे में वह दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज का भी दौरा करेंगी।

कॉलेज में उनके स्वागत में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम दोपहर 12 बजे 16 एनसीसी कैडेटों द्वारा औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शुरू होंगे। बाद में कॉलेज के लॉन में प्रतीकात्मक वृक्षारोपण का कार्यक्रम होगा। इसके बाद सांगानेरिया ऑडिटोरियम में छात्रों द्वारा उनके लिए सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी।

इसके अलावा, श्रीलंकाई नेता दोनों देशों के बीच व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से एक व्यावसायिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगी।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को आगे बढ़ाती है और गहरी एवं बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाती है। यह भारत के 'महासागर विज़न' और उसकी 'पड़ोसी पहले' नीति से प्रेरित होकर मित्रता के बंधन को और मजबूत करेगी।"


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