शेख हसीना ने चेताया, उनकी पार्टी के बिना हुआ चुनाव दरार बढ़ाएगा
शेख हसीना ने चेतावनी दी है कि उनकी पार्टी के बिना चुनाव करवाने से बांग्लादेश में राजनीतिक बंटवारा और गहरा हो जाएगा

शेख हसीना ने चेतावनी दी है कि उनकी पार्टी के बिना चुनाव करवाने से बांग्लादेश में राजनीतिक बंटवारा और गहरा हो जाएगा. एक इंटरव्यू में उन्होंने यह भी बताया कि वह राजनीति में फिर लौटेंगी, या नहीं.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि उनकी पार्टी 'बांग्लादेश अवामी लीग' के करोड़ों समर्थक अगले साल होने जा रहे आम चुनाव का बहिष्कार करेंगे. अगस्त 2024 में सत्ता से बाहर किए जाने के बाद हसीना भारत आ गई थीं, और तब से वहीं रह रही हैं. अब पहली बार निर्वासन में रहते हुए उन्होंने मीडिया को इंटरव्यू दिया है.
अवामी लीग पर बैन, चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएगी
हसीना ने कहा कि वह बांग्लादेश नहीं लौटेंगी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि चुनाव बाद जो भी सरकार बनेगी, उसके शासनकाल में वह बांग्लादेश नहीं लौटेंगी. क्योंकि, उनकी पार्टी को चुनाव से अलग रखा गया है.
इसी साल मई में बांग्लादेश के निर्वाचन आयोग ने अवामी लीग का रजिस्ट्रेशन निलंबित कर दिया था. इस कारण पार्टी अगला चुनाव नहीं लड़ पाएगी. अंतरिम सरकार ने आरोप लगाया कि अवामी लीग देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने अवामी लीग की सभी पार्टी संबंधी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया.
रॉयटर्स को ईमेल पर भेजे गए जवाब में हसीना ने लिखा, "अवामी लीग पर लगाया गया प्रतिबंध ना केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि निरर्थक भी है. अगली सरकार के पास चुनावी वैधता होनी ही चाहिए. करोड़ों लोग अवामी लीग का समर्थन करते हैं. तो, अभी जैसी स्थितियां हैं, उनमें वे वोट नहीं डालेंगे. अगर आप ऐसी राजनीतिक व्यवस्था चाहते हैं जो काम करे, तो आप करोड़ों लोगों को मतदान से वंचित नहीं रख सकते हैं."
अपने ऊपर चले मुकदमे को राजनीति से प्रेरित बताया
शेख हसीना की अवामी लीग और खालिदा जिया की 'बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी' (बीएनपी), देश की दो सबसे प्रमुख पार्टियां हैं. बांग्लादेश की राजनीति में इन्हीं का दबदबा रहा है. कभी एक, तो कभी दूसरी पार्टी सत्ता में रही है. अब अवामी लीग बाहर है, तो बीएनपी के जीतने की मजबूत संभावना है. हालांकि, देश की प्रमुख इस्लामिस्ट पार्टी 'जमात-ए-इस्लामी' की लोकप्रियता भी बढ़ रही है.
अवामी लीग की परिस्थितियों में फिलहाल सुधार की संभावना भले ना हो, लेकिन हसीना को उम्मीद है कि उनकी पार्टी को चुनाव लड़ने दिया जाएगा. उन्होंने कहा, "अवामी लीग के समर्थकों से हम यह नहीं कह रहे कि वे दूसरी पार्टियों को सपोर्ट करें. हमें अब भी उम्मीद है कि उन्हें (सरकार) समझ आएगी और हमें चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाएगी."
हसीना या उनकी पार्टी की बांग्लादेश सरकार के साथ परदे के पीछे बातचीत हो रही है या नहीं, इस बारे में उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की. युद्ध अपराधों की सुनवाई के लिए गठित क्राइम्स ट्रिब्यूनल में उनपर चल रहा मुकदमा पूरा हो चुका है और 13 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा. हसीना खुद पर लगे आरोपों से इनकार करती हैं. उन्होंने कहा, "यह कार्यवाही, राजनीतिक मंशा से प्रेरित है." हसीना के मुताबिक, उन्हें अपने बचाव का कोई सार्थक मौका भी नहीं दिया गया.
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हसीना ने चुनावी निष्पक्षता पर सवाल उठाया
रॉयटर्स के अलावा हसीना ने समाचार एजेंसी एएफपी को भी लिखित इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने चेतावनी दी कि उनकी पार्टी के बिना चुनाव करना, देश में और ज्यादा बंटवारे के बीज बोना है. चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, "अवामी लीग समेत सभी प्रमुख दलों की सीधी भागीदारी के बिना हुआ चुनाव विश्वसनीय नहीं हो सकता."
उन्होंने आगे कहा, "स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में वास्तविक प्रतिद्वंद्विता की जरूरत है, सभी पार्टियां चुनाव अभियान में हिस्सा लेने में सक्षम हों, और मतदाता विकल्पों के बीच अपना चुनाव कर सकें. चुनाव, विचारों की प्रतियोगिता है. आप किसी पार्टी का बहिष्कार नहीं कर सकते, इसलिए कि आपको उनकी नीतियां पसंद नहीं है." हसीना ने चेताया कि उनकी पार्टी को बैन करके बांग्लादेश की यूनुस सरकार राजनीतिक संकट को और गहरा कर रही है.
खुद पर चले "मानवता के खिलाफ अपराध" के मुकदमे को उन्होंने "कानूनी मजाक" बताया और आरोप लगाया कि उन्हें दोषी ठहराने का फैसला पहले से ही तय किया जा चुका है. उन्होंने कहा, "निराशाजनक रूप से, जब फैसला आएगा तो मैं हैरान नहीं होऊंगी."
बांग्लादेश की राजनीति में लौटने पर क्या बोंली?
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, मुकदमा निष्पक्ष तरीके से हुआ. उन्होंने कुछ ऑडियो टेप्स भी चलाए, जिनके वैध होने की पुलिस ने पुष्टि की. इनसे संकेत मिलता है कि हसीना ने सुरक्षा बलों को सीधा आदेश दिया था कि वे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ "घातक हथियार" इस्तेमाल करें.
वहीं, हसीना का दावा है कि ऑडियो रिकॉर्डिंग को गलत संदर्भ में पेश किया गया. हसीना के मुताबिक, "यह आरोप कि मैंने निजी तौर पर सुरक्षा बलों को भीड़ पर फायरिंग का आदेश दिया, बकवास है." हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि 'चेन ऑफ कमांड' में निश्चित तौर पर कुछ गलतियां की गईं.
राजनीति में फिर से लौटने की योजना पर हसीना का जवाब था, "बांग्लादेश का कल्याण और स्थिरता मेरी प्राथमिकता है."


