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रूस को यूक्रेन के साथ तीसरे दौर की वार्ता जल्द होने की उम्मीद : क्रेमलिन

रूस और यूक्रेन लंबी लड़ाई के बाद अब शांति की दिशा में कदम उठा रहे हैं। दो दौर की बातचीत लगभग सफल रही

रूस को यूक्रेन के साथ तीसरे दौर की वार्ता जल्द होने की उम्मीद : क्रेमलिन
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मॉस्को। रूस और यूक्रेन लंबी लड़ाई के बाद अब शांति की दिशा में कदम उठा रहे हैं। दो दौर की बातचीत लगभग सफल रही और अब क्रेमलिन को उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन वार्ता के तीसरे दौर की तारीख जल्द तय हो सकती है।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस पर जल्द ही सहमति बन जाएगी। उन्होंने दोहराया कि वार्ता का कार्यक्रम दोनों पक्षों की सहमति से ही तय किया जा सकता है।

पेस्कोव ने स्पष्ट किया कि अभी तक कोई निश्चित तारीख तय नहीं हुई है और यह प्रक्रिया आपसी सहमति पर आधारित है। उन्होंने कहा, "यह एक पारस्परिक प्रक्रिया है।"

क्रेमलिन के प्रवक्ता के मुताबिक, अगली वार्ता प्रक्रिया की गति कीव शासन और अमेरिका के मध्यस्थता करने के प्रयासों पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, "जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और उसे ध्यान में रखना जरूरी है।"

रूस-यूक्रेन के बीच पहली बैठक में कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी थी, जबकि दूसरी बैठक में 6000 यूक्रेनी सैनिकों के शवों की वापसी, बीमार और 25 साल से कम उम्र के कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी थी।

पहले दौर की वार्ता 16 मई को इस्तांबुल में हुई, जबकि दूसरे दौर में 2 जून को तुर्किए में दोनों देशों के बीच बातचीत हुई थी। पिछली बैठक में यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने प्रस्ताव दिया था कि तीसरी बैठक जून के आखिरी हफ्ते में आयोजित की जाए, लेकिन ये वार्ता नहीं हो पाई।

हालांकि, 2 जून को हुई सहमति के बावजूद रूसी मीडिया ने बताया कि क्रेमलिन ने संघर्ष विराम के लिए दो प्रस्ताव दिए थे, जिनमें यूक्रेनी सेना को चार क्षेत्रों (डोनेत्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया) से हटने की मांग की गई थी, जिन्हें रूस अपना हिस्सा मानता है। इसके अलावा 100 दिनों के भीतर यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव कराने की शर्त रखी गई थी।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इन मांगों को शांति की मंशा के विपरीत बता रहे हैं। उनकी तरफ से नए प्रतिबंधों की मांग की गई। जेलेंस्की का मानना है कि ये मांगें वास्तव में यूक्रेन के सरेंडर करने की शर्तें हैं, जिसे वो स्वीकार नहीं करेंगे।

जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रेई यरमाक ने जोर देकर कहा, "रूस युद्ध विराम को रोकने और युद्ध जारी रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। अब नए प्रतिबंध लगाना जरूरी है।"

इस बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने टिप्पणी की कि यूक्रेन में युद्ध का समाधान संघर्ष के मूल कारण को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि रूस लड़ाई को रोकने के लिए तैयार है।

दूसरी ओर, तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने आश्वासन दिया कि वो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संपर्क में हैं और दोनों वार्ता में हिस्सा लेने के इच्छुक हैं।


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